Horror Village: क्या आपने किसी 'भूतिया गांव' की कहानी सुनी है? जी हां भूतिया गांव, हम बात कर रहे हैं इंग्लैंड के विल्टशायर में स्थित इम्बर गांव की. जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के समय से खाली है. बेशक आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि, आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक गांव 82 साल बीत जाने के बाद भी खाली है? चलिए हम आपको बताते हैं.
क्यों कहते हैं भूतिया गांव?
दरअसल, साल 1943 में नाजी जर्मनी के खिलाफ लड़ाई के लिए इस गांव को खाली कराया गया था, लेकिन 82 साल बीत जाने के बाद भी यहां कोई नहीं रहता. यही कारण है कि इस गांव को भूतिया गांव कहा जाता है. हालांकि, आज भी यह इलाका ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के नियंत्रण में है. इतना ही नहीं ये गांव आम लोगों के लिए साल में सिर्फ कुछ ही दिन खोला जाता है. अब इस बार नए साल के मौके पर 29 दिसंबर से 1 जनवरी 2026 तक गांव आम जनता के लिए खुला है, जहां लोग इस ऐतिहासिक जगह की सैर कर सकते हैं.
खंडहर हो चुका है गांव
आज इम्बर में ज्यादातर पुराने घर प्रकृति की मार से बर्बाद हो चुके हैं. कई घरों की छतें टूटने से पानी अंदर घुस गया और वे ढह गए. कुछ इमारतें सैन्य अभ्यास में क्षतिग्रस्त हो गईं. अब यहां ज्यादातर खाली खोल या आधुनिक बिना खिड़कियों वाली इमारतें हैं, जो सैन्य ट्रेनिंग के लिए बनाई गई हैं. लेकिन ग्रेड-I लिस्टेड सेंट जिल्स चर्च और पुराना पब अभी भी खड़े हैं. यह चर्च गांव का मुख्य आकर्षण है. इसी चर्च की देखरेख 77 वर्षीय नील स्केल्टन कर रहे हैं, जो विल्टन के रहने वाले हैं. नील बताते हैं कि हर साल चर्च देखने के लिए भारी संख्या में लोग आते हैं. चर्च आम तौर पर खुले दिनों में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है. चर्च में प्रवेश निःशुल्क है, लेकिन लोग दान देते हैं, जो चर्चेज कंजर्वेशन ट्रस्ट (CCT) के रखरखाव और मरम्मत में लगाया जाता है. चर्च में बिकने वाले खाने और स्मृति चिह्नों से हर साल लगभग 15,000 से 20,000 पाउंड जुटाए जाते हैं.
82 सालों से बंद है ये गांव
नील बताते हैं कि, इम्बर न सिर्फ ऐतिहासिक दृष्टि से अहम है, बल्कि यह विशेष वैज्ञानिक रुचि वाला क्षेत्र (SSSI) भी है. जहां वन्य जीवों की विविधता देखने को मिलती है. 82 सालों से यहां कोई नहीं रहा, इसलिए ऐसा लगता है जैसे यहां समय थम गया हो. भूतिया माहौल के बावजूद, इम्बर आज भी इतिहास प्रेमियों और सुकून की तलाश करने वालों के लिए एक अनोखी जगह बना हुआ है.
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