Guinness World Records: पब में तेज स्पीड वाले पक्षी की बहस से जन्मा आईडिया... ऐसे 70 साल बाद बन गया दुनिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड कलेक्शन?

यह किताब प्रकाशन इतिहास की सबसे अधिक बिकने वाली कॉपीराइटेड किताबों में से एक बन गई. हर साल औसतन 35 लाख कॉपियां बिकती हैं, और अब तक 15 करोड़ से अधिक कॉपी बिक चुकी हैं. इसे 40 से अधिक भाषाओं में अनुवादित किया गया है, जो इसे वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाता है.

सर ह्यू बीवर
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 10 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST

क्या आपने कभी सोचा कि एक किताब, जो दुनिया के सबसे अनोखे और हैरतअंगेज रिकॉर्ड्स का खजाना है, उसकी शुरुआत एक पब की बहस से हुई थी? जी हां, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (GWR), जिसे पहले गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के नाम से जाना जाता था, आज विश्व रिकॉर्ड्स का पर्याय है.

यह न केवल सबसे ऊंचे इंसान या सबसे भारी प्याज जैसे रिकॉर्ड्स को दर्ज करता है, बल्कि यह Gen Z और मिलेनियल्स के बीच अपनी अनोखी चुनौतियों के लिए भी ट्रेंड कर रहा है. X पर हाल ही में एक पोस्ट में GWR ने अपनी शुरुआत की कहानी साझा की, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा. 

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की शुरुआत
1950 के दशक में गिनीज ब्रुअरीज के प्रबंध निदेशक सर ह्यू बीवर (1890–1967) आयरलैंड के काउंटी वेक्सफोर्ड में एक शिकार कार्यक्रम में शामिल हुए. वहां उनके और उनके दोस्तों के बीच यूरोप के सबसे तेज गेम बर्ड को लेकर गर्मागर्म बहस छिड़ गई. कोई भी संदर्भ पुस्तक इस सवाल का जवाब नहीं दे पाई. इस घटना ने सर ह्यू को एक ऐसी किताब बनाने का विचार दिया, जो पब में होने वाली ऐसी बहसों को खत्म कर सके.

यह थी गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की शुरुआत की कहानी. X पर GWR ने इस कहानी को साझा करते हुए लिखा, "हमारी स्थापना दो लोगों की बहस से हुई, जो यह तय नहीं कर पाए कि सबसे तेज पक्षी कौन सा है." यह छोटी-सी घटना एक वैश्विक क्रांति बन गई.

we were founded because two people couldn’t agree on what the fastest bird was whilst they were out hunting https://t.co/lHKeEJCwxg

— Guinness World Records (@GWR) July 9, 2025

पहली किताब का बनना (1954–1955)  
1954 में, सर ह्यू ने इस विचार को एक गिनीज कैंपेन के रूप में आगे बढ़ाया. उन्होंने फ्लीट स्ट्रीट के मशहूर फैक्ट चेकर जुड़वां भाइयों रॉस मैकव्हिर्टर और नॉरिस मैकव्हिर्टर को इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी. दोनों भाइयों ने खेल, प्रकृति, मानव उपलब्धियों, और दुनिया भर की अनोखी घटनाओं से जुड़े रिकॉर्ड्स का एक बड़ा संग्रह तैयार किया. अगस्त 1955 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का पहला संस्करण प्रकाशित हुआ.

यह किताब प्रकाशन इतिहास की सबसे अधिक बिकने वाली कॉपीराइटेड किताबों में से एक बन गई. हर साल औसतन 35 लाख कॉपियां बिकती हैं, और अब तक 15 करोड़ से अधिक कॉपी बिक चुकी हैं. इसे 40 से अधिक भाषाओं में अनुवादित किया गया है, जो इसे वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाता है.

फोटो- गेटी इमेज

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स क्या करता है?  
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स दुनिया भर की असाधारण उपलब्धियों को दर्ज करता है. यह किताब आकार, गति, दूरी, और अनोखी चुनौतियों से जुड़े रिकॉर्ड्स के लिए मशहूर है. कुछ उदाहरण हैं:  

-सबसे ऊंचा इंसान: अमेरिका के रॉबर्ट वाडलो (8 फीट 11 इंच).  

-सबसे भारी प्याज: यूके के पीटर ग्लेजब्रूक द्वारा उगाया गया 8.97 किलो का प्याज.  

-सबसे तेज जानवर: चीता, जो 120 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है.  

-सबसे अनोखी चुनौतियां: जैसे 30 सेकंड में सबसे ज्यादा सिक्के सजाना, पैरों से सबसे लंबा तीर चलाना, या एक कार में सबसे ज्यादा लोगों को समाना.

फोटो- गेटी इमेज

आज का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स है एक ग्लोबल ब्रांड  
1999 में, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने अपना नाम बदलकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स कर लिया, ताकि यह अपने बढ़ते कारोबार को दर्शा सके. यह अब केवल एक किताब नहीं, बल्कि एक वैश्विक ब्रांड है. GWR ने हॉलीवुड में एक रिकॉर्ड्स म्यूजियम, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स प्राइमटाइम जैसे टीवी शो, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए अपनी पहुंच बढ़ाई है. लंदन, न्यूयॉर्क, बीजिंग, टोक्यो, और दुबई में इसके ऑफिस हैं, और दुनिया भर में ब्रांड एम्बेसडर और पैनलिस्ट मौजूद हैं. X, टिकटॉक, और इंस्टाग्राम पर GWR के अनोखे रिकॉर्ड्स की रील्स और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जो Gen Z और मिलेनियल्स को प्रेरित कर रहे हैं.  


 

Read more!

RECOMMENDED