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Delhi Government: दिल्ली सरकार का आदेश! सरकारी स्कूलों की हर कक्षा में अंग्रेजी मीडियम सेक्शन लागू करना जरूरी, जानें क्यों लिया गया यह फैसला

Delhi Government School: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से हर कक्षा में कम से कम एक अंग्रेजी माध्यम का सेक्शन होना अनिवार्य होगा. दिल्ली सरकार ने यह निर्णय सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया है.

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हाइलाइट्स
  • शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रत्येक कक्षा में कम से कम एक अंग्रेजी माध्यम का सेक्शन अनिवार्य

  • अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने लिया यह निर्णय

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रत्येक कक्षा में कम से कम एक अंग्रेजी माध्यम का सेक्शन होना अनिवार्य होगा. यह निर्णय सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है.

वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में होंगे सक्षम 
यह पहल खासकर उन माता-पिता और छात्रों की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए लाई गई है, जो अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करना चाहते हैं. अंग्रेजी भाषा में दक्षता होने से छात्रों के उच्च शिक्षा में विज्ञान, तकनीकी और अन्य क्षेत्रीय अवसरों को प्राप्त करना आसान होगा. इससे उनकी करियर संभावनाओं में सुधार होगा और वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे.

प्रभावी ढंग से करना होगा संचालित 
शिक्षा निदेशालय ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे छात्रों की रुचि और योग्यता के आधार पर अंग्रेजी माध्यम अनुभाग में प्रवेश सुनिश्चित करें. इसके लिए स्कूलों को उचित अंग्रेजी शिक्षण सामग्री उपलब्ध करानी होगी और पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से संचालित करना होगा. इसके साथ ही, इन बदलावों को आधिकारिक रिकॉर्ड और UDISE पोर्टल में पब्लिश करना होगा ताकि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुव्यवस्थित हो.

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इनको सौंपी गई जिम्मेदारी
इस नीति को सफलता से लागू करने के लिए जिला और क्षेत्रीय अधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे इस व्यवस्था की निगरानी करें और इसका सही पालन सुनिश्चित करें. इस कदम से दिल्ली सरकार का उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता सुधारना और विद्यार्थियों को भविष्य के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना है. अंग्रेजी माध्यम अनुभाग की अनिवार्यता से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी और उन्हें ग्लोबल दुनिया से जोड़ने में सहायता मिलेगी.