लड़के वालों को दावत में नहीं मिली मछली फ्राई तो तोड़ा रिश्ता..बारात लाने से किया इनकार

यूपी के जनपद हापुड़ में एक सगाई समारोह में लड़के पक्ष के लोगों को खाने में मटन और मछली फ्राई नहीं मिलने को लेकर हंगामा हो गया. हंगामा इतना बड़ा कि लड़की पक्ष के लोगों को पुलिस तक बुलानी पड़ी.

Hapur News
gnttv.com
  • हापुड़,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST
  • मटन और मछली फ्राई न मिलने पर हापुड़ में सगाई में हंगामा
  • पुलिस तक बुलानी पड़ी

यूपी के हापुड़ जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर किसी की हंसी भी छूट जाएगी. मामला है एक सगाई समारोह का, जहां खाने को लेकर लड़के पक्ष और लड़की पक्ष के बीच भिड़ंत हो गई. विवाद का कारण था मटन और मछली फ्राई.

नाश्ते में मटन बिरयानी और मछली फ्राई नहीं था 
जानकारी के अनुसार, अहमद अठसैनी गांव की लड़की इकरा परवीन और लड़के पक्ष के अब्दुल जब्बार की सगाई 17 अक्टूबर को तय थी. देर रात लड़के पक्ष के लोग लाल खत और सगाई लेकर गोंदी सलाई गांव पहुंचे. खाने का इंतजाम हुआ और जैसे ही नाश्ता शुरू हुआ, लड़के पक्ष के लोगों ने देखा कि खाने में मटन बिरयानी और मछली फ्राई नहीं है.

लड़के वालों ने काट दिया हंगामा
यह देख लड़के पक्ष ने तुरंत हंगामा शुरू कर दिया. लड़की पक्ष का कहना है कि लड़के पक्ष की डिमांड पहले ही पूरी करने के लिए कह दी गई थी, लेकिन खाने को लेकर यह विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस तक बुलानी पड़ गई. मामला इतना बढ़ गया कि लड़के पक्ष ने बारात लाने से ही इंकार कर दिया.

मछली फ्राई न मिलने पर रिश्ता तक टल गया
कहना गलत नहीं होगा कि लड़के पक्ष की मांगें सिर्फ खाने तक ही सीमित नहीं थीं. लड़की पक्ष के मुताबिक, लड़के वालों ने शादी में स्कॉर्पियो गाड़ी चाहिए जैसी मांग भी रखी थी, जो उन्होंने पहले ही मान ली थी. लेकिन मटन-मछली फ्राई न मिलने पर रिश्ता तक टल गया.

देहात थाना प्रभारी विजय गुप्ता ने बताया कि थाना गढ़मुक्तेश्वर के गांव अठसैनी से लगभग 40 लोग सगाई लेकर गोंदी सलाई पहुंचे थे. खाने को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. अब दोनों पक्षों की सुनवाई कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. मटन बिरयानी और मछली फ्राई की वजह से शादी टल जाए, यह बात सुनकर हर कोई हैरान है.

अब सब यही कह रहे हैं कि अगली बार सगाई में खाने का मेन्यू पहले से तय कर लेना ही सबसे सुरक्षित रास्ता है. वरना, मटन-मछली फ्राई न मिलने पर रिश्तों में चटनी कम और खट्टी नाराजगी ज्यादा हो सकती है.

--देवेंद्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट

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