एनिमल शेल्टर खोलने के लिए बेच दी अपनी फेरारी कार, बंद कर दी कंपनी, गजब है 54 साल के इस शख्स की कहानी

साइतो ने अपनी कंपनी बंद की और अपनी कीमती फरारी कार बेच दी. इस पैसे से उन्होंने याइज़ु में जमीन खरीदी और ‘वांसफ्री’ नाम का एक शेल्टर बनाया. यह शेल्टर उन कुत्तों के लिए है, जो दुख, दुर्व्यवहार और उपेक्षा की वजह से आक्रामक हो गए हैं. ये कुत्ते अक्सर लोगों को काटते हैं या भौंकते हैं, जिसके कारण कोई उन्हें अपनाना नहीं चाहता.

Animal Shelter
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

अब जापान के एक शख्स की कहानी सामने आई है, जो अपने पालतू कुत्ते के प्यार को दुनिया तक पहुंचा रहा है. जापान के याइज़ु, शिज़ुओका प्रांत में 54 साल के हिरोताका साइतो ने अपनी लग्जरी फरारी कार बेचकर ‘वांसफ्री’ नाम का एक अनोखा शेल्टर बनाया. इसमें वे ‘खतरनाक’ कहे जाने वाले कुत्तों को प्यार मिलता है. ये कुत्ते, जो अक्सर दुख और दुर्व्यवहार के शिकार होते हैं, अब साइतो के शेल्टर में नई जिंदगी पा रहे हैं. 

जब एक कुत्ते ने बचाई साइतो की जान
हिरोताका साइतो एक समय जापान में अपनी कंपनी चलाते थे. लेकिन 12 साल पहले उनकी जिंदगी में तूफान आया, जब उनकी कंपनी आर्थिक संकट में फंस गई. हालात इतने खराब हो गए कि साइतो ने अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर लिया. वे घर छोड़कर जाने वाले थे, लेकिन तभी उनका 70 किलो का पालतू कुत्ता उनके सामने दरवाजे पर अड़ गया और हिला ही नहीं. इस कुत्ते की हरकत ने साइतो का दिल पिघला दिया. उन्होंने महसूस किया कि अगर यह कुत्ता उनकी जिंदगी को इतना प्यार करता है, तो उन्हें भी जीने का हक है.

इस घटना ने साइतो की जिंदगी बदल दी. उन्होंने न केवल आत्महत्या का इरादा छोड़ा, बल्कि फैसला किया कि वे अपनी जिंदगी उन कुत्तों को बचाने में लगाएंगे, जिन्हें लोग ‘खतरनाक’ कहकर छोड़ देते हैं. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, साइतो कहते हैं, “जब मुझे एहसास हुआ कि एक कुत्ते ने मेरी जान बचाई, तो मैंने ठान लिया कि मैं अपनी बाकी जिंदगी कुत्तों को बचाने में बिताऊंगा.”

फरारी बेचकर बनाया ‘वांसफ्री’ शेल्टर
साइतो ने अपनी कंपनी बंद की और अपनी कीमती फरारी कार बेच दी. इस पैसे से उन्होंने याइज़ु में जमीन खरीदी और ‘वांसफ्री’ नाम का एक शेल्टर बनाया. यह शेल्टर उन कुत्तों के लिए है, जो दुख, दुर्व्यवहार और उपेक्षा की वजह से आक्रामक हो गए हैं. ये कुत्ते अक्सर लोगों को काटते हैं या भौंकते हैं, जिसके कारण कोई उन्हें अपनाना नहीं चाहता. लेकिन साइतो का मानना है कि ये कुत्ते भी प्यार और देखभाल के हकदार हैं.

‘वांसफ्री’ में अभी 40 कुत्ते और 8 बिल्लियां रहती हैं. साइतो मुफ्त में इनकी देखभाल करते हैं. वे कहते हैं, “मैं इन कुत्तों को बताना चाहता हूं कि वे भी प्यार के लायक हैं.” साइतो ने इन कुत्तों को भारी जंजीरों से मुक्त किया और उन्हें खुली जगह में दौड़ने-खेलने की आजादी दी.

साइतो की कहानी सिर्फ कुत्तों को बचाने की नहीं, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे एक छोटा सा प्यार जिंदगी बदल सकता है. 

खतरों से भरा काम, फिर भी हौसला बुलंद
साइतो का काम आसान नहीं है. ये कुत्ते इतने आक्रामक होते हैं कि साइतो को तीन जोड़ी दस्ताने पहनने पड़ते हैं. फिर भी, उन्हें कई बार काट लिया जाता है. लेकिन साइतो का जुनून कभी कम नहीं हुआ. वे कहते हैं, “मैं अपनी सारी जिंदगी और पैसा इन कुत्तों पर खर्च कर दूंगा.” उनकी यह मेहनत देखकर लोग हैरान हैं. साइतो का कहना है कि वे 2028 तक अपने शेल्टर को बढ़ाकर 300 कुत्तों को जगह देना चाहते हैं. इसके लिए वे लोगों से फंड जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

साइतो कहते हैं, “मैं पहले से कहीं ज्यादा खुश हूं. मुझे इस बात का सुकून है कि मैं इन कुत्तों के लिए कुछ कर पा रहा हूं.” उनकी यह कहानी हमें सिखाती है कि प्यार और मेहनत से कोई भी मुश्किल काम मुमकिन हो सकता है.

क्यों है यह कहानी खास?
हिरोताका साइतो की कहानी सिर्फ एक शेल्टर की नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और कृतज्ञता की है. जैसे बिहार की नमिता आज़ाद ने कन्यापुत्री गुड़िया को बचाकर सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान दी, वैसे ही साइतो ने अपने पालतू कुत्ते के प्रति कृतज्ञता दिखाते हुए ‘खतरनाक’ कुत्तों को नया जीवन दिया. 

Gnttv.com की इस खबर को शॉर्ट में पढ़ने के लिए आप ये Q/A भी पढ़ सकते हैं-

1: साइतो ने अपनी फरारी क्यों बेची?
-साइतो ने अपनी कीमती फरारी कार बेची ताकि वे ज़मीन खरीदकर वांसफ्री शेल्टर बना सकें और उन कुत्तों को बचा सकें जिन्हें समाज ने 'खतरनाक' कहकर छोड़ दिया था.

2. साइतो की जिंदगी में बदलाव कब और क्यों आया?
-करीब 12 साल पहले, जब उनकी कंपनी दिवालिया हो गई थी, साइतो आत्महत्या करने जा रहे थे. लेकिन उनका पालतू कुत्ता उनके सामने खड़ा हो गया और हिला नहीं, जिससे साइतो को जीवन का अर्थ फिर से मिला.

3. हिरोताका साइतो कौन हैं, उन्होंने ऐसा क्या किया जो खास है?
-हिरोताका साइतो जापान के शिज़ुओका प्रांत के याइज़ु शहर के निवासी हैं. उन्होंने अपनी फरारी कार बेचकर और कंपनी बंद करके एक खास एनिमल शेल्टर 'वांसफ्री' बनाया, जिसमें वे 'खतरनाक' माने जाने वाले कुत्तों को आश्रय देते हैं.

4. 'वांसफ्री' शेल्टर क्या है और इसकी खासियत क्या है?
-'Vansfree' एक ऐसा शेल्टर है जहां दुर्व्यवहार और उपेक्षा का शिकार हुए आक्रामक कुत्तों को प्यार और आज़ादी दी जाती है. यहां ये कुत्ते बिना जंजीरों के खुली जगह में रहते हैं.

5. 'खतरनाक' कहे जाने वाले कुत्तों से साइतो कैसे निपटते हैं?
-साइतो को अक्सर तीन लेयर के दस्ताने पहनने पड़ते हैं क्योंकि कुत्ते काट लेते हैं, फिर भी वे प्यार और धैर्य से उनकी देखभाल करते हैं.

6. 'वांसफ्री' में कितने जानवर रहते है
-अभी 40 कुत्ते और 8 बिल्लियां साइतो के शेल्टर में रह रही हैं, और वे इन सभी की मुफ्त देखभाल करते हैं.

7. साइतो भविष्य में क्या करना चाहते हैं?
-साइतो का लक्ष्य है कि 2028 तक वांसफ्री में 300 कुत्तों को आश्रय दिया जाए. इसके लिए वे फंड जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

8. हिरोताका साइतो की कहानी क्यों प्रेरणादायक है?
-क्योंकि उन्होंने एक पालतू जानवर की वजह से अपनी ज़िंदगी की दिशा बदल दी और अब उन जानवरों को बचा रहे हैं जिन्हें समाज ने छोड़ दिया है.

9. वांसफ्री शेल्टर किस देश और शहर में स्थित है?
-यह शेल्टर जापान के याइज़ु शहर, शिज़ुओका प्रांत में स्थित है.

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