सर्दियां शुरू होते ही गुड़हल (Hibiscus) का पौधा कमजोर पड़ने लगता है. गर्मियों और बरसात में भरपूर फूल देने वाला यह पौधा ठंड के मौसम में अक्सर कलियां बनाना बंद कर देता है, पत्ते पीले होने लगते हैं और ग्रोथ भी धीमी पड़ जाती है. ऐसे में लोग परेशान होने लगते हैं कि कहीं पौधा सूख तो नहीं जाएगा.
दरअसल, गुड़हल एक ट्रॉपिकल यानी गर्म जलवायु का पौधा है जिसे ठंड बिल्कुल पसंद नहीं. जैसे-जैसे तापमान गिरता है, पौधा डॉर्मेंसी में चला जाता है. ऐसे में सही देखभाल न मिले तो न केवल फूल रुक जाते हैं, बल्कि पौधा कमजोर भी पड़ सकता है. अगर आपके घर का गुड़हल भी इसी समस्या से जूझ रहा है, तो यहां कुछ उपाय आप कर सकते हैं.
1. ठंड में गुड़हल के पत्ते पीले क्यों पड़ते हैं?
गुड़हल का पौधा नई कलियां बनाना बंद कर देता है. पुराने पत्ते पीले होकर गिरने लगते हैं.
जड़ें ठंड से सिकुड़ जाती हैं और पोषक तत्व सही तरह नहीं ले पातीं.
नमी ज्यादा हो जाए तो फंगल इंफेक्शन भी शुरू हो सकता है.
इसलिए सर्दियों में पीले पत्ते आना बिल्कुल सामान्य है, लेकिन अगर पीलापन बहुत बढ़े तो यह देखभाल की कमी का संकेत है.
2. ऐसी जगह रखें जहां धूप अच्छी मिले
सर्दियों में गुड़हल के लिए सबसे जरूरी है 6-7 घंटे की तेज धूप.
अगर आपके पौधे को कम धूप मिल रही है तो कलियां बनना तुरंत रुक जाएंगी.
कोशिश करें कि पौधा दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखा जाए.
अगर घर में बालकनी कम धूप देती है, तो सप्ताह में 2-3 बार पौधे को 2-3 घंटे के लिए धूप वाली जगह जरूर शिफ्ट करें.
3. पानी कम दें, लेकिन सही समय पर
सर्दियों में मिट्टी जल्दी नहीं सूखती है इसलिए ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं. इसलिए सप्ताह में सिर्फ 1-2 बार पानी दें. पानी देने से पहले हमेशा मिट्टी को छूकर देखें. अगर ऊपरी 1–2 इंच मिट्टी सूखी लगे तभी पानी दें. अगर पत्ते पीले हो रहे हैं और मिट्टी गीली बनी रहती है, तो यह ओवरवॉटरिंग का साफ संकेत है.
4. मिट्टी ढीली करें और फंगस हटाएं
ठंड में मिट्टी सख्त हो जाती है, जिससे जड़ें सांस नहीं ले पातीं. हर 10-12 दिन में ऊपर की मिट्टी को हाथ से थोड़ा ढीला जरूर करें. सफेद फंगस दिखे तो तत्काल उसे हटा दें और मिट्टी में हल्का नीम पाउडर मिलाएं. यह पौधे को फिर से एक्टिव करने में मदद करता है.
गुड़हल में कौन सी खाद डालें?
सर्दियों में गुड़हल को ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती. ऐसे समय पर हल्की, धीरे-धीरे घुलने वाली और घर में आसानी से मिलने वाली खादें सबसे ज्यादा असर दिखाती हैं.
पहली खाद है किचन कम्पोस्ट, जो गुड़हल के लिए विंटर सीजन में सबसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है. महीने में एक बार 2-3 मुट्ठी कम्पोस्ट डालने से पौधा धीरे-धीरे पोषक तत्व लेता रहता है और ठंड में भी इसकी जड़ें एक्टिव बनी रहती हैं.
दूसरी बेहद कारगर घरेलू खाद है केले के छिलके की पाउडर खाद. सर्दियों में फूल कम आते हैं, इसलिए पोटैशियम की हल्की मात्रा पौधे को ऊर्जा देती है. आप सूखे केले के छिलकों को पीसकर 1-2 चम्मच मिट्टी में मिला दें.
तीसरी खाद है नीम खली पाउडर. यह पौधे को पोषण देने के साथ-साथ मिट्टी में मौजूद फंगस और कीटों को भी कंट्रोल करता है, जो ठंड में ज्यादा बढ़ जाते हैं. इसे महीने में एक बार सिर्फ 1 चम्मच देना काफी होता है.
चौथी बेहद असरदार खाद है गुड़ का पानी, जो पौधे में माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स और मिट्टी में माइक्रोबियल एक्टिविटी बढ़ाता है. एक लीटर पानी में एक चम्मच गुड़ घोलकर पौधे में डाल दें.