अगर आप 50 हजार का लैपटॉप मंगाएं और डिलीवरी एजेंट आपको 5 रुपये का घड़ी साबुन दे जाए तो 440 वोल्ट का झटका लगना लाजिमी है. IIM अहमदाबाद के एक स्टूडेंट को ऐसा ही झटका लगा है. दरअसल इन दिनों बिग बिलियन सेल चल रही है. इसी सेल का फायदा उठाकर यशस्वी शर्मा नाम के स्टूडेंट ने अपने पिता के लिए लैपटॉप ऑर्डर किया.
फ्लिपकार्ट ने गलती मानने से किया इनकार
सोशल मीडिया पोस्ट में यशस्वी शर्मा ने कहा, मैंने अपने पिता के लिए लैपटॉप आॉर्डर किया था लेकिन फ्लिपकार्ट ने घड़ी साबुन भिजवा दिया. इतना ही नहीं ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपनी गलती ठीक करने से भी इनकार कर दिया है. फ्लिपकार्ट का कस्टमर सपोर्ट मुझपर आरोप लगा रहा है. यशस्वी फ्लिपकार्ट को सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराने को भी तैयार हैं लेकिन फ्लिपकार्ट ने अपनी गलती मानने से ही इनकार कर दिया है.
कैसे हुई इतनी बड़ी गलती
यशस्वी शर्मा ने कहा कि डिलीवरी लेते समय उनके पिता ने जो एक "गलती" की, वह यह थी कि उन्हें 'ओपन-बॉक्स' डिलीवरी के बारे में पता नहीं था. इसके लिए खरीरदार को डिलीवरी एजेंट के सामने ही पैकेट खोलना पड़ता है और आइटम देखने के बाद ही ओटीपी देना होता है. यशस्वी के अनुसार उनके पिता को लगा कि डिलीवरी लेने पर ओटीपी देना होता है जो कि अधिकांश प्रीपेड डिलीवरी के मामले में होता है. मेरे पास बिना बॉक्स चेक किए डिलीवरी बॉय के आने-जाने का सीसीटीवी फुटेज है. डिलीवरी बॉय ने रिसीवर को ओपन बॉक्स कॉन्सेप्ट के बारे में क्यों नहीं बताया? बाद में अनबॉक्सिंग से पता चला कि अंदर कोई लैपटॉप नहीं बल्कि घड़ी साबुन है.
हैरान हो रहे लोग
इस तरह का यह पहला मामला नहीं है. कुछ समय पहले एक शख्स ने iPhone 12 का ऑर्डर दिया था, लेकिन उसे निरमा साबुन मिले. वो भी दो बार. इस घटना ने लोगों को चौंका दिया है, क्योंकि फ्लिपकार्ट को कहीं न कहीं सबसे भरोसेमंद ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टलों में से एक माना जाता है.