'मनी हाइस्ट' देखकर 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी को दिया अंजाम! आलीशान होटलों को बनाते थे अपना ठिकाना

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि तीनों आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर Secure the Game और Pintoss नाम से सीक्रेट व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए थे.

money heist
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:31 AM IST
  • 150 करोड़ की ठगी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार
  • “मनी हाइस्ट” देखकर बने साइबर ठग

दिल्ली पुलिस ने तीन ऐसे साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने मशहूर वेब सीरीज 'मनी हाइस्ट' देखकर ऑनलाइन ठगी करना शुरू किया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अर्पित, प्रभात और अब्बास के रूप में हुई है. ये तीनों अपने असली नाम छिपाकर खुद को वेब सीरीज के किरदारों की तरह 'प्रोफेसर', 'अमांडा' और 'फ्रेडी' के नाम से पेश करते थे. पुलिस की मानें तो इन लोगों ने अब तक करीब 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी को अंजाम दिया है.

सोशल मीडिया पर सीक्रेट ग्रुप बनाकर करते थे ठगी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि तीनों आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर Secure the Game और Pintoss नाम से सीक्रेट व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए थे. इन ग्रुप्स में नए निवेशकों को स्टॉक मार्केट के टिप्स और डायरेक्ट मार्केट अकाउंट के नाम पर जोड़ा जाता था. एक बार किसी व्यक्ति ने निवेश कर दिया, तो उसका अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता था और फिर और पैसे की मांग की जाती थी.

शिकायत के बाद खुला बड़ा जाल
उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस को कुछ समय पहले एक शख्स ने 22 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दी थी. पीड़ित ने बताया कि ठगों ने खुद को एक प्रसिद्ध फाइनेंशियल कंपनी का प्रतिनिधि बताया था और उसे व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़कर निवेश के लिए प्रेरित किया गया. शिकायत के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की.

नोएडा से गुवाहाटी तक पहुंची पुलिस
मनी ट्रेल, बैंक ट्रांजैक्शन, कॉल डिटेल्स और IP लॉग्स के आधार पर पुलिस ने ठगों की लोकेशन नोएडा (उत्तर प्रदेश) और गुवाहाटी (असम) में ट्रेस की. फिर नोएडा और सिलीगुड़ी में छापेमारी कर तीनों को गिरफ्तार किया गया.

बरामद हुए मोबाइल, सिम और बैंक डिटेल्स
पुलिस को छापेमारी के दौरान 11 मोबाइल फोन, 17 सिम कार्ड, 12 बैंक पासबुक और 32 डेबिट कार्ड मिले हैं. इसके अलावा कई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट और व्हाट्सऐप चैट्स भी बरामद की गईं. पुलिस के अनुसार आरोपी अक्सर आलीशान होटलों से साइबर ठगी का नेटवर्क चलाते थे ताकि पुलिस की नजरों से बच सकें.

डिजिटल अरेस्ट गैंग से भी कनेक्शन
जांच में यह भी सामने आया है कि इनका कनेक्शन 23 करोड़ के डिजिटल अरेस्ट रैकेट से भी है. फिलहाल तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके साथ और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं.

-हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट

 

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