MBA Chaiwala और पटना चायवाली की खबर तो आपने बहुत पढ़ी होगी. अब ज़रा बीटीसी चायवाली के बारे में भी जान लीजिए. लखनऊ के अलीगंज में रहने वाली सृष्टि वर्मा ने यह दुकान खोली है. सृष्टि बीटीसी बीएड हैं और टेस्ट क्वालीफाई करने के बावजूद जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने ये कदम उठाया. हालांकि सृष्टि के हौंसले अब भी बुलंद हैं और वो दुकान चलाने के साथ-साथ पीसीएस की तैयारी भी कर रही हैं. कंपटीशन की दिनभर तैयारी करने के बाद शाम को सृष्टि अपनी चाय के आउटलेट पर बैठती हैं जिसका नाम है बीटीसी चाय वाली है.
सृष्टि ने अपने आउटलेट का नाम बीटीसी चाय वाली इसलिए रखा हुआ है क्योंकि इस समय शिक्षा विभाग बड़ा मजाक बना बैठा है. कहते हैं वैकेंसीज नहीं हैं. नौकरियां हैं नहीं तो बीटीसी करने के बाद हम क्या घर बैठ जाए, मैंने इसलिए बीटीसी चाय वाली नाम से दुकान खोल दी.
लोगों ने की तारीफ
सोशल मीडिया पर भी लोग काफी तारीफ करते हैं. मैं पीसीएस की तैयारी भी कर रही हूं और ऐसे ही आगे बढ़ती रहूंगी.सृष्टि वर्मा की मां कहती हैं, ''मैंने बेटी-बेटी में किसी तरह का फर्क नहीं किया. आज अगर लड़की होकर वो चाय की दुकान लगा रही है तो इसमें कोई बुराई नहीं है. वो अपने पैरों पर खड़ी है और आगे की तैयारी भी कर रही है.'' सृष्टि की दुकान पर मौजूद महिलाओं ने भी उसी तारीफ की और कहा कि ऐसी लड़कियां लोगों के लिए इंस्पिरेशन होती हैं और हमें सबक लेना चाहिए.
सभी के लिए बनी प्रेरणा
अलीगंज के गोयल चौराहे पर रहने वाली सरला के मुताबिक, हमारा देश के प्रधानमंत्री भी कहते हैं कि खुद इंडिपेंडेंट रहो. नौकरी आज है कल नहीं है. ऐसे में इस तरीके की शुरुआत करना अनोखा है. वहीं अलीगंज के सेक्टर एम में रहने वाली सुनीता के मुताबिक, हमारे क्षेत्र में इस तरीके की चाय वाली हमने पहली बार देखी है. हमने चाय वाला तो बहुत बार सुना था लेकिन चाय वाली पहली बार देखा है तो ऐसी स्थिति में काफी अलग है. वहीं पास खड़ी एक अन्य महिला गीता ने कहा, ''देश में बहुत कम लोग हैं जो इस तरीके से कर पाते हैं. केवल लोग बात करते हैं महिला एंपावरमेंट की लेकिन करते नहीं है. इस लड़की ने करके दिखाया है तो हमें इसका प्रोत्साहन करना चाहिए और आगे बढ़ाना चाहिए.