Social Media Viral Post: मुंबई की वकील ने अपने कुक की सैलरी बताई! 30 मिनट का काम, 18,000 रुपये! सोशल मीडिया पर मचा बवाल

आयुषी की पोस्ट ने एक ज़रूरी बातचीत शुरू की है- कि क्या घरेलू काम को हम बराबरी का पेशा मानते हैं? क्या कुकिंग एक स्किल है, जिसकी कीमत वाजिब मिलनी चाहिए? इस पोस्ट ने हमें यह भी दिखाया कि सभी शहरों की लागत एक जैसी नहीं होती. 

Mumbai Cook salary
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:38 PM IST

मुंबई में रहने वाली एक वकील आयुषी दोशी की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इन दिनों जमकर सुर्खियां बटोरी हैं. उन्होंने अपने ‘महाराज’ यानी कुक की सैलरी के बारे में बताया कि वह हर घर में केवल 30 मिनट काम करते हैं और हर घर से ₹18,000 प्रति माह लेते हैं. यह जानकारी सुनते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई- क्या यह सच है या बस एक वायरल करने वाली पोस्ट?

क्या था पोस्ट में?
आयुषी ने लिखा कि उनका महाराज रोजाना 10-12 घरों में खाना बनाते हैं, वो भी एक ही हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में. हर घर में लगभग 30 मिनट रुकते हैं और वहां का भोजन बनाकर अगले घर चले जाते हैं. उन्हें न तो ट्रैफिक झेलना पड़ता है, न ही रोज़ की भागदौड़ करनी पड़ती है. हर घर में उन्हें खाना और चाय फ्री में मिलती है, समय पर सैलरी मिलती है, और अगर वो काम छोड़ना चाहें, तो बिना नोटिस दिए जा सकते हैं.

इस पोस्ट के साथ ही उन्होंने कॉरपोरेट जॉब की तुलना करते हुए कहा- “मैं यहां ‘जेंटल रिमाइंडर’ भेजते हुए हाथ कांपते हैं और सैलरी है मिनिमम!”

My Maharaj (Cook)
•Charges ₹18k per house
•Max 30 mins per house
•10–12 houses daily
•Free food & free chai everywhere
•Gets paid on time or leaves without a goodbye 😭

Meanwhile I’m out here saying “gentle reminder” with trembling hands with minimum salary.🙂

— Adv. Ayushi Doshi (@AyushiiDoshiii) July 29, 2025

आयुषी का जवाब- "मुंबई वालों, मेरा साथ दो!"
जब आलोचनाओं की बौछार हुई, तो आयुषी दोशी ने एक और पोस्ट के जरिए अपनी बात को डिफेंड किया. उन्होंने कहा, “मुंबई में अच्छी कॉलोनियों में अच्छे महाराज यही चार्ज करते हैं. अगर आपका राज्य अब भी ₹5 की थाली पर चलता है, तो वह आपकी सच्चाई है- इसका मतलब ये नहीं कि सब झूठ बोल रहे हैं.”

उन्होंने आगे लिखा, “यह सिर्फ मेरी रियल लाइफ की कहानी है, जो मैंने शेयर की. अगर आप इससे रिलेट नहीं कर सकते, तो 'फेक' कहने की बजाय आगे बढ़ जाइए.”

क्या मुंबई में वाकई इतने चार्ज करते हैं कुक?
मुंबई जैसी मेट्रो सिटी में लाइफस्टाइल और खर्चे बहुत ज्यादा हैं. अच्छी हाउसिंग सोसाइटीज़ में अनुभव रखने वाले कुक्स (महाराज) जो नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन और इंटरनेशनल कुज़ीन बना सकते हैं, उनकी मांग भी अधिक होती है. ऐसे कुक जो रोज 10-12 घरों में खाना बनाते हैं, महीने में ₹1.5 लाख से ऊपर भी कमा लेते हैं- वो भी बिना किसी ऑफिस पॉलिटिक्स, मीटिंग्स या KPI के.

आयुषी की पोस्ट ने एक ज़रूरी बातचीत शुरू की है- कि क्या घरेलू काम को हम बराबरी का पेशा मानते हैं? क्या कुकिंग एक स्किल है, जिसकी कीमत वाजिब मिलनी चाहिए? इस पोस्ट ने हमें यह भी दिखाया कि सभी शहरों की लागत एक जैसी नहीं होती. 
 

 

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