उत्तर प्रदेश में पर्यटन का नया युग! 100 स्थलों पर क्यूआर कोड ऑडियो टूर, 15 भाषाओं में सुनें इतिहास और संस्कृति की कहानी!

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि तकनीक के जरिए इसे वैश्विक स्तर पर और आकर्षक बनाएगा. यह परियोजना स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगी, जिससे वे उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को और करीब से समझ सकेंगे.

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gnttv.com
  • लखनऊ ,
  • 02 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

संगम की पवित्र धरती से ताजमहल की खूबसूरती तक, अब उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल बोलेंगे आपकी भाषा! उत्तर प्रदेश सरकार एक अनोखी पहल के साथ राज्य के पर्यटन अनुभव को तकनीकी क्रांति की नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है. अब प्रदेश के 100 प्रमुख पर्यटन स्थलों पर क्यूआर कोड आधारित ऑडियो टूर की सुविधा शुरू होने जा रही है, जो पर्यटकों को इतिहास, संस्कृति और धरोहर की कहानियां 15 भाषाओं में सुनाएगी. यह सुविधा न केवल देशी पर्यटकों, बल्कि विदेशी सैलानियों के लिए भी एक अनूठा अनुभव लेकर आएगी. 

क्या है क्यूआर कोड ऑडियो टूर?
इस नई सुविधा के तहत, पर्यटक अपने स्मार्टफोन से किसी भी पर्यटन स्थल पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करके उस स्थान के इतिहास, सांस्कृतिक महत्व और रोचक तथ्यों को ऑडियो के जरिए सुन सकेंगे. यह ऑडियो गाइड 5 से 7 मिनट की संक्षिप्त और रुचिकर प्रस्तुति होगी, जिसे 10 भारतीय भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी, गुजराती, कन्नड़, उड़िया, मलयालम) और 5 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं (फ्रेंच, स्पैनिश, जर्मन, जापानी, मंदारिन) में उपलब्ध कराया जाएगा. यह सुविधा पर्यटकों को उनकी पसंदीदा भाषा में जानकारी देगी, जिससे उनका अनुभव और भी यादगार बन जाएगा.

किन स्थलों पर मिलेगी यह सुविधा?
उत्तर प्रदेश, जो अपनी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए विश्व प्रसिद्ध है, इस परियोजना के तहत अपने 100 प्रमुख स्थलों को शामिल कर रहा है. इनमें से कुछ प्रमुख स्थल हैं:

  • प्रयागराज: त्रिवेणी संगम, आनंद भवन
  • अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि, कनक भवन
  • वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती स्थल
  • आगरा: ताजमहल
  • मथुरा-वृंदावन: श्रीकृष्ण जन्मभूमि, बांके बिहारी मंदिर
  • लखनऊ: बड़ा इमामबाड़ा, रेजीडेंसी, और अन्य ऐतिहासिक स्थल

इन स्थलों पर मौसम-प्रतिरोधी स्टेनलेस स्टील प्लेटों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे, जिन्हें पर्यटक अपने मोबाइल कैमरे से आसानी से स्कैन कर सकेंगे. यह सुविधा पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप से एकीकृत होगी, जिससे इसे और भी सुगम बनाया जाएगा.

कम नेटवर्क, कोई टेंशन नहीं!
उत्तर प्रदेश के कई पर्यटन स्थल ग्रामीण या कम नेटवर्क वाले क्षेत्रों में हैं. इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि यह सुविधा ऑफलाइन मोड में भी उपलब्ध हो. पर्यटक पहले से ही ऑडियो फाइल्स को डाउनलोड कर सकते हैं, ताकि कमजोर इंटरनेट कनेक्शन भी उनके अनुभव में बाधा न बने. यह तकनीकी इनोवेशन खासकर उन विदेशी पर्यटकों के लिए वरदान साबित होगा, जो नेटवर्क समस्याओं का सामना करते हैं.

प्रमाणिकता और गुणवत्ता का वादा
इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि ऑडियो स्क्रिप्ट्स की गुणवत्ता और सटीकता पर विशेष ध्यान दिया गया है. इतिहासकारों, पुरातत्वविदों और सांस्कृतिक विशेषज्ञों की एक विशेषज्ञ टीम ने इन स्क्रिप्ट्स को तैयार किया है और उनका कड़ाई से परीक्षण किया है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि पर्यटकों को न केवल सही जानकारी मिले, बल्कि वह रोचक और आकर्षक अंदाज में प्रस्तुत हो. यह पहल पर्यटकों को न केवल शिक्षित करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत के प्रति उनकी जिज्ञासा को भी बढ़ाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि तकनीक के जरिए इसे वैश्विक स्तर पर और आकर्षक बनाएगा. यह परियोजना स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगी, जिससे वे उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को और करीब से समझ सकेंगे. साथ ही, यह पहल स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी, क्योंकि अधिक पर्यटक आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

(आशीष की रिपोर्ट)
 

 

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