
भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में मोरपंख का विशेष स्थान है. मोरपंख को भगवान कृष्ण के प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है. धार्मिक शास्त्रों में मोरपंख को शिव पुत्र भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश, माता सरस्वती व मां लक्ष्मी से जोड़ा गया है. ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि मोरपंख में इतनी शक्ति होती है कि वह न केवल घर की शोभा बढ़ाता है बल्कि आपकी सेहत में भी सुधार करता है.
मोरपंख का ज्योतिष में महत्व
भगवान कार्तिकेय ने मोर को अपना वाहन चुना और यह मोरपंख उनके लिए महत्वपूर्ण है. मोरपंख के छोटे-छोटे उपाय आपको बड़ा फायदा दिला सकते हैं. यह सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है और वास्तुदोष व नकारात्मकता से मुक्ति दिलाता है. मोरपंख का ज्योतिष में बहुत महत्व है.
माना जाता है कि मोरपंख के प्रयोग से जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों का अंत संभव है. यह नवग्रह के दोषों को दूर करता है और दाम्पत्य जीवन को मंगल बना सकता है. मोरपंख को घर में रखने से धन का लाभ होता है और मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है. यह घर के वास्तुदोष को भी दूर करता है. मोरपंख को उत्तर और पूर्व कोण में स्थापित करने से भवन के वास्तुदोष का निवारण होता है और घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है.
बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने के उपाय
ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि यदि बच्चों की एकाग्रता कम है या पढ़ाई में मन नहीं लगता तो भी आप मोर पंख का प्रयोग कर सकते हैं. मोर पंख को माता सरस्वती से भी जोड़ा गया है. पढ़ाई में जिन बच्चों का मन नहीं लगता है वो एक मोर पंख ले लें. मां सरस्वती का ध्यान करके मोर पंख पुस्तक के बीच रखें. ऐसा करने से आपकी एकाग्रता बढ़ेगी.
मोरपंख के अन्य लाभ
प्राचीन काल से ही मोरपंख को औषधि में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसकी महत्ता काफी है क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने की क्षमता रखता है. मोरपंख से राहु और केतु के दोषों का निवारण होता है. इसे अपने पॉकेट में रखने से राहु का नकारात्मक प्रभाव सकारात्मक हो जाता है. इसे घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता. घर के सभी सदस्यों की नजर इस पर पड़ने से वास्तु दोष कम हो जाता है. मोरपंख को पूजा कक्ष में रखने से नवग्रह की शांति होती है.
मोरपंख के प्रयोग के उपाय
श्री राधा कृष्ण के मंदिर में 27 मोरपंख स्थापित करें और ओम नमो नारायण मंत्र का 108 बार जाप करें. ऐसा लगातार 40 दिन तक करें और फिर मोरपंख को अपने घर लाएं. इसे धन रखने वाले स्थान या पूजा स्थल पर रखें. इससे रुके हुए कार्य पूरे होंगे और हर कार्य में सफलता मिलेगी. मोरपंख का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्त्व अत्यधिक है. इसके प्रयोग से जीवन की तमाम परेशानियों का अंत संभव है. चाहे कुंडली के नवग्रहों को बलवान करना हो या फिर वासुदोष से छुटकारा पाना हो, मोरपंख के प्रयोग से यह सब संभव है.