
अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होने जा रही है. यह यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त को समाप्त होगी. इस दौरान सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ी तैयारियां की हैं. इस यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 42,000 जवानों की तैनाती की गई है. गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था का चाक चौबंद बनाने का निर्देश दिया है.
सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन-
गृहमंत्री अमित शाह दो दिनों के दौरे पर जम्मू कश्मीर पहुंचे हैं. उन्होंने जम्मू के राजभवन में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्य सचिव, डीजीपी, सेना, सीआरपीएफ, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों के बड़े अधिकारी शामिल थे. इस बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन किया गया.
42 हजार जवान करेंगे सुरक्षा-
अमरनाथ यात्रा के लिए सेंट्रल आर्म्ड फोर्सस की 580 कंपनियों की तैनाती की जा रही है, जिसमें 42,000 जवान और अधिकारी शामिल होंगे. इनमें सीआरपीएफ की 219 कंपनियां, बीएसएफ की 100 कंपनियां, एसएसबी की कंपनियां, आईटीबीपी की 62 कंपनियां और सीआईएसएफ की कंपनी शामिल हैं. हर एक कंपनी में 70 से 75 सुरक्षा कर्मी होते हैं.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहनी चाहिए कि अमरनाथ यात्रा बिना किसी इंसिडेंट के मुकम्मल हो. हमारे तमाम यात्री सही सलामत वहाँ जाएं और अपने घर वापस जाएं.
सीसीटीवी कैमरों से लैस रहेंगे दोनों रूट-
अमरनाथ यात्रा के दोनों रूट पहलगाम और बालटाल पर अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों का भी पहरा रहेगा. दोनों रूट 4000 सीसीटीवी कैमरों से लैस रहेंगे, जिन्हें छह कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. सभी वाहनों और तीर्थ यात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेन्सी एडेंटिफिकेशन तकनीक से टैग किया जाएगा.
अमरनाथ यात्रा के दोनों रूट पहलगाम और बालटाल पर ट्रैक को साफ करने के साथ ही सुविधाओं से जुड़ी व्यवस्था को मुकम्मल किया जा रहा है. अब तक देश भर से 4,00,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. उम्मीद है कि इस बार बाबा बर्फानी के दर्शन का एक नया रिकॉर्ड बनेगा.
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