Prayagraj: बैंड, बाजा और अनोखी शादी! बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक अनोखी शादी हुई. इस शादी में दुल्हन बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंची. ये शादी धूमधाम से हुई. शहर के राजेश जायसवाल ने अपनी बेटी तनु जायसवाल की शादी रजत से तय की. इसके लिए कार्ड भी छपवाए और उसमें बारात ले जाने का जिक्र किया.

Unique wedding
gnttv.com
  • प्रयागराज,
  • 27 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक यूनिक शादी की चर्चा है. शादी-विवाह की रस्मों में दूल्हे की बारात तो आपने देखी होगी. लेकिन प्रयागराज में एक ऐसी बारात देखने को मिली, जिसने पूरे प्रयागराज का दिल जीत लिया. यहां दूल्हा नहीं, बल्कि दुल्हन अपनी बारात लेकर ससुराल को निकली और जब बेटी अपने बारात के साथ ससुराल पहुंची, तो वर पक्ष ने उनका जोरदार स्वागत किया.

बैंड, बाजा, डीजे के साथ निकली बेटी की बारात-
बैंड, बाजा और डीजे की धुन पर नाचते गाते बाराती दूल्हे के घर पहुंचे. ये बारात कुछ वैसे ही निकाली गई, जैसे किसी दूल्हे की निकलती है. बस फर्क इतना था कि बारात की शान दूल्हा नहीं, बल्कि दुल्हन रही. संगम नगरी ने एक ऐसा अनोखा और भावुक दृश्य देखा, जो लंबे समय तक शहर की यादों में दर्ज रहेगा. शहर के कीडगंज इलाके के रहने वाले राजेश जायसवाल की बेटी तनु की बारात पूरे रीति-रिवाज और शान-ओ-शौकत के साथ निकाली गई. जहां आमतौर पर बेटों की बारात धूमधाम से निकलती है. वहीं, इस बार एक बेटी की बारात देखकर पूरा इलाका मंत्रमुग्ध हो गया.

बग्घी में निकली दुल्हन की बारात-
बग्घी में बैठी दुल्हन तनु अपने परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों संग ऐसे झूम रही थी. मानो अपनी इस अनोखी परंपरा पर पूरे गर्व के साथ दुनिया को संदेश दे रही हो कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं. यानी बेटे की तरह बेटियों की बारात भी निकाली जा सकती है. दरअसल कीडगंज के रहने वाले राजेश जायसवाल की पांच बेटियां हैं, जबकि कोई बेटा नहीं है. लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को बेटों से भी बढ़कर पाला. उनका सपना था कि जिस तरह बेटों की बारात धूमधाम से निकलती है. ठीक वैसी ही धूमधाम से वो अपनी बेटी की भी शादी करेंगे.

बारात के लिए छपवाया गया था कार्ड-
प्रयागराज के राजेश जायसवाल ने बाकायदा बारात का कार्ड छपवाया था. जिसमें लिखा था- हमारी लड़की की बारात, शादी का पूरा इंतज़ाम, बेटे की शादी जैसा रखा और जब बारात निकली तो सड़कों पर मानो उत्सव सा माहौल बन गया. हर कोई ठहरकर इस अनोखी परंपरा को देख रहा था और लोगों की आंखों में गर्व और चेहरों पर मुस्कान थी. दुल्हन बनकर बारात निकाल रहीं तनु जायवाल भी बेहद खुश नजर आईं.

विदाई से पहले निकली इस जोरदार बारात ने बेटी के सम्मान और सशक्तिकरण का शानदार उदाहरण पेश किया. संगम नगरी ने न सिर्फ बारात देखी, बल्कि एक इतिहास का हिस्सा भी बनी, जहां बेटी की बारात ने रूढ़ियों को तोड़कर नई परंपरा की शुरुआत की. तनु की ये बारात प्रयागराज की सड़कों से होकर अब सोशल मीडिया के गलियारे तक पहुंच चुकी है, जहां इस बारात को बेटियों को बेटे के बराबर सम्मान देने की मिसाल बताकर सराहा जा रहा है.

(पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट) 

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