मुजफ्फरपुर के दीवान रोड निवासी शिवम उर्फ गुरु जी बचपन से ही कुत्तों के बेहद शौकीन रहे हैं. तीसरी कक्षा में उन्होंने अपना पहला पामेरियन कुत्ता पाला था. बचपन का यही शौक समय के साथ इतना गहरा हुआ कि आज वही लगाव उनका सफल करियर बन चुका है. कुत्तों की देखभाल के प्रति उनकी समझ और रुचि ने उन्हें शहर के नामचीन डॉग ब्रीडर के रूप में पहचान दिलाई है.
शुरुआत में बस शौक में पालते थे कुत्ते
शिवम बताते हैं कि शुरुआत में किसी व्यापार का इरादा नहीं था. बस शौक में कुत्ते पालते थे. उनके कुत्तों की देखभाल देखकर आसपास के लोग प्रभावित होते और कई लोग उनसे पिल्ले खरीदने की इच्छा जताने लगे. धीरे-धीरे मांग बढ़ी और उन्होंने छोटे स्तर पर ब्रीडिंग का काम शुरू किया. समय बीतने के साथ यह काम इतना बढ़ा कि उन्होंने एक व्यवस्थित डॉग कैनाल की शुरुआत कर दी.
आज कई प्रीमियम नस्लों के कुत्ते हैं मौजूद
आज उनके कैनाल में जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, कल्चर समेत कई प्रीमियम नस्लों के कुत्ते मौजूद हैं. ब्रीडिंग, हेल्थ केयर और ट्रेनिंग, हर प्रक्रिया को वे खुद मॉनिटर करते हैं. उनके पेशेवर अंदाज और गुणवत्तापूर्ण ब्रीडिंग के कारण न सिर्फ मुजफ्फरपुर बल्कि आसपास के जिलों से लोग उनके यहां से पिल्ले खरीदने आते हैं. शिवम बताते हैं कि हर महीने करीब 20 पिल्लों की बिक्री हो जाती है, जिनकी कीमत नस्ल के अनुसार 3 हजार रुपए से 30 हजार रुपए तक होती है.
एमबीए करने के बाद भी हमेशा कुत्तों के साथ ही लगा रहता था मन
शिवम ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान नौकरी को लेकर जब परेशानी बढ़ी, तब उन्होंने अपने पैशन को ही प्रोफेशन में बदलने का निर्णय लिया. एमबीए करने के बाद भी उनका मन हमेशा कुत्तों के साथ ही लगा रहता था. वे कहते हैं, कुत्ते मेरे लिए परिवार की तरह हैं. इन्हें पालना मेरा शौक था, लोगों की बढ़ती मांग ने इसे मेरा करियर बना दिया.
डॉग ब्रीडिंग के साथ ही शिवम डॉग फूड, सप्लीमेंट्स, पेट केयर प्रोडक्ट्स और एक्सेसरीज भी सप्लाई करते हैं. इससे उनकी आय में और इजाफा होता है. एक साल में वे करीब 15 लाख रुपए तक की कमाई कर लेते हैं. उनके कैनाल को अब शहर में एक भरोसेमंद और क्वालिटी ब्रीडिंग सेंटर के रूप में जाना जाता है. मुजफ्फरपुर में पेट लवर्स और ब्रीडेड पिल्लों की बढ़ती मांग ने शिवम के व्यवसाय को नई दिशा दी है.
(मुजफ्फरपुर से मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)