मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में कुल 47 लोगों को 280 बार मृत दिखाकर सरकार की ओर से दी जाने वाली 4-4 लाख रुपये की प्राकृतिक आपदा राहत राशि ट्रांसफर की गई, जिससे कुल 11 करोड़ 26 लाख रुपये का घोटाला हुआ. यह चौंकाने वाला मामला 2019 से 2022 के बीच का है.
अब तक 21 लोगों की गिरफ्तारी हुई
नवंबर 2022 में राजस्व विभाग के ऑडिट के दौरान पता चला कि केवलारी तहसील कार्यालय के एक क्लर्क सचिन दहायत ने 279 लोगों को मृत दिखाकर करोड़ों रुपये की ठगी की है. केवलारी पुलिस ने इस घोटाले में 37 लोगों को आरोपी बनाया है. अब तक 21 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें मुख्य आरोपी सचिन दहायत भी शामिल है. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.
क्या है RBC 6(4) योजना
मध्यप्रदेश सरकार की राहत नीति RBC 6(4 के तहत प्राकृतिक आपदा से मौत पर मुआवजा देने का प्रावधान है. सर्पदंश (सांप काटने से मौत, बिजली गिरना (आकाशीय बिजली, पानी में डूबना, तूफान, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक घटनाएओं में मारे गए लोगों के परिवार को एमपी सरकार की तरफ से मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपये की राहत राशि दी जाती है. इस योजना का मकसद आपदा में जान गंवाने वाले गरीब और ग्रामीण परिवारों को आर्थिक मदद देना है.
RBC 6(4) के लिए जरूरी दस्तावेज
मृत्यु प्रमाण पत्र
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
FIR / पुलिस पंचनामा
स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट
बैंक खाता विवरण
कई लोग तो आज भी जिंदा हैं
इस घोटाले को अंजाम देने के लिए सचिन ने 47 लोगों के नाम पर 279 फर्जी मुआवजा प्रकरण बनाए. बार-बार संशोधन कर इनके नाम से नए बिल तैयार किए और सरकारी खजाने से मुआवजा राशि निकालकर इन्हें फर्जी खातों में डाला गया. इन 47 नामों में से कई व्यक्ति मौजूद ही नहीं थे और कुछ तो अभी भी जिंदा हैं. आरोपी सचिन ने बताया कि उसने 47 लोगों के नामों का इस्तेमाल किया. इनमें से कई लोगों का अस्तित्व ही नहीं है तो कई लोग अभी भी जिंदा हैं.
एक ही महिला को 29 बार 'मरा' दिखाया
द्वारका बाई, जिनकी सांप काटने से मौत हुई थी, उन्हें 29 बार मृत दिखाया गया. हर बार उनके नाम पर 4 लाख रुपये की राहत राशि स्वीकृत हुई. ठीक इसी तरह श्री राम नाम के व्यक्ति को रिकॉर्ड में 28 बार मृत दिखाया गया. हर बार 4 लाख मंजूर हुए यानी कुल 1 करोड़ 12 लाख का फर्जीवाड़ा किया गया. ग्राम पंचायत सरेखा कला के रमेश कुमार को सांप काटने से 29 बार मृत बताया गया है. इसी तरह कई लोगों को फर्जी तरीके से मरा हुआ दिखाया गया. इतना ही नहीं RBC 6(4) योजना के तहत दी जाने वाली यह राशि सीधे आरोपियों के रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों के खातों में भेजी गई.