Unique Indian Village: ये है भारत का अनोखा गांव! घरों में नहीं हैं दरवाजे, बैंक में भी नहीं लगाया जाता है ताला, जानिए वजह

महाराष्ट्र में एक अनोखा गांव है जहां के घरों में दरवाजे नहीं लगाए जाते हैं. इस गांव के बैंक में भी लॉक नहीं लगाया जाता है. इसके बावजूद महाराष्ट्र के इस गांव में चोरी नहीं होती है. आपराधिक घटनाएं इस गांव में देखने को नहीं मिलती है. महाराष्ट्र का ये खास गांव शिरडी के पास में ही है.

Shani Shingnapur Temple Maharashtra (Photo Credit: Getty)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST
  • भारत के इस गांव में नहीं हैं दरवाजे
  • महाराष्ट्र के इस गांव में नहीं होती चोरी

आज के समय में हर कोई अपनी घर को सुरक्षित रखता है. चोरी के डर से लोग अपने घर में मजूबत दरवाजे लगाते हैं. मॉडर्न युग में लोग 24 घंटे निगरानी के लिए लोग घरों में सीसीटीवी कैमरे लगा रहे हैं. वहीं भारत में एक ऐसा भी गांव में जहां के घरों में दरवाजे नहीं हैं. लोग दुकानों में ताला नहीं डालते है. इस गांव के बैंक में भी लॉक नहीं लगते. इसके बावजूद इस गांव में कभी चोरी नहीं होती है. आइए भारत के इस अनोखे गांव के बारे में जानते हैं.

कहां है ये अनोखा गांव?

  • भारत की इस जगह का नाम शनि शिंगणापुर है. ये अनोखा गांव महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में है. इस गांव में शनि देवता का अनोखा धाम है.
  • महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर शिरडी से लगभग 70 किमी. दूर है. इस गांव में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.
  • महाराष्ट्र के इस अनोखे गांव तक पहुंचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कोपरगांव और अहमदनगर है. वहीं नजदीकी एयरपोर्ट पुणे और औरंगाबाद हैं.
  • हाराष्ट्र का सैकड़ों साल पुराना गांव आज शनि देवता एक बड़ा धाम है. यहां दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं. कहते हैं कि इस गांव की रक्षा खुद शनि देव करते हैं.

क्या है इस मंदिर की खासियत?

महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर का आर्किटेक्चर बेहद शानदार है. सामान्य मंदिरों से अलग शनि शिंगणापुर मंदिर सादा और आकर्षक है. मंदिर में मूर्ति खुले आसमान के नीचे एक ऊंचे मंच पर स्थापित है. मूर्ति के अलावा त्रिशूल, नंदी और हनुमान की भी मूर्ति है. बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं. श्रद्धालु शनि देव का अभिषेक करते हैं. शनि के प्रभाव को कम करने के लिए मूर्ति पर तेल चढ़ाया जाता है.

  • इस मंदिर को लेकर एक कहानी भी प्रचलित है. मान्यता है कि करीब 350 साल पहले भारी बाढ़ के बाद इस गांव के पास एक नदी में काली पत्थर की चट्टान मिली. 
  • जब गांव वालों ने उस पत्थर को छुआ तो उसमें से खून बहने लगा. रात में गांव के एक व्यक्ति को शनि देव ने दर्शन दिए और मंदिर बनाने का आदेश दिया.
  • शनि देव ने ये भी आदेश दिया कि शिला की मूर्ति खुले आसमान में रखी जाए. साथ ही उसी शिला की पूजा की जाए. तभी से यह जगह शनि देव का पवित्र धाम माना जाने लगा.
  • यह भी मान्यता है कि शनि देव खुद इस शिला पर विराजमान हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं. शनि देव के इस मंदिर में कोई मूर्ति नहीं है. यहां भगवान शनि की पूजा शिला के रूप में की जाती है.
  • इस मंदिर में शनि देव की शिला खुले आसमान के नीचे विराजमान है. माना जाता है कि शनि देव खुद खुले आसमान में रहना पसंद करते हैं.
  • शनि शिंगणापुर में भक्त शनि देव की शिला पर सरसों का तेल चढ़ाते हैं. इससे शनि देव प्रसन्न होकर दुख-दर्द और कष्ट दूर करते हैं.

क्यों नहीं होती चोरी?

  • महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर शनि धाम के लिए फेमस है. इस गांव के घरों में ताले नहीं लगाए जाते हैं. दुकानों में लोग लॉक नहीं लगाते हैं.
  • इस गांव के लोग शनि देव पर भरोसा रखते हैं. मान्यता है कि यहां चोरी नहीं हो सकती क्योंकि स्वयं शनि देव खुद गांव की रक्षा करते हैं.
  • महाराष्ट्र के इस गांव में कई बार चोरियों की खबरें आईं भी हैं लेकिन स्थानीय लोग मानते हैं कि चोरी करने वाला शनि देव के प्रकोप से बच नहीं सकता है.
  • महाराष्ट्र टूरिज्म की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, इस गांव में यूके बैंक भी इस परंपरा को अपनाता है. गांव में बैंक में भी ताला नहीं लगाया जाता है. इसके बाद भी यहां चोरी नहीं होती है.

शनि शिंगणापुर की यात्रा सिर्फ अनुष्ठानों और प्रार्थनाओं तक ही सीमित नहीं है. यह एक असाधारण आस्था का अनुभव है जिसने पूरे समुदाय के लिए लाइफस्टाइल बनाई. खुले आसमान के नीचे स्वयंभू मूर्ति से लेकर बिना दरवाज़े वाले घरों तक, ये जगह ऐसी कहानियों से भरी है. शनि शिंगणापुर आपको एक अलग अनुभव देगी. शनि अमावस्या और शनिवार को यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. शनि जयंती पर यहां विशेष उत्सव होता है. लोग शनि दोष, साढ़े साती या ढैय्या के असर से बचने के लिए यहां आकर पूजा करते हैं.

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