Navapur Railway Station: देश में कई ऐसी जगहें हैं जो अपनी अलग पहचान के लिए जाने जाते हैं और न जानें अपने आप में कितनी कहानियां भी समेटे हुए हैं. इन्हीं जगहों में से एक है नवापुर रेलवे स्टेशन. इस स्टेशन की खासियत है कि यहां का आधा हिस्सा गुजरात में और दूसरा हिस्सा महाराष्ट्र में बना है. यानी केवल एक कदम में राज्य ही बदल जाता है. तो चलिए आपको बताते हैं इस स्टेशन के बारे में कुछ दिलचस्प बातें.
नवापुर स्टेशन गुजरात-महाराष्ट्र के विभाजन से पहले बना था और उसके बाद भी इसका बंटवारा नहीं किया गया. नवापुर स्टेशन पश्चिम रेलवे जोन में आता है जो कि यह सूरत-भुसावल रेल लाइन पर स्थित है. इसका आधा हिस्सा महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में है और बाकी आधा गुजरात के तापी जिले में. यही कारण है कि नवापुर स्टेशन की गिनती देश के सबसे अनोखे रेलवे स्टेशनों में होती है.
4 भाषाओं में अनाउंसमेंट
खास बात है कि, इस स्टेशन की सभी चीजों को दोनों राज्यों के बीच में बांटा गया है. साथ ही स्टेशन के बीचों-बीच एक लाइन खींची गई है, जिसके एक तरह महाराष्ट्र तो दूसरी ओर गुजरात है. स्टेशन की टिकट खिड़की महाराष्ट्र में स्थित है, जबकि स्टेशन मास्टर का ऑफिस गुजरात में. यानी टिकट लेने के लिए आपको महाराष्ट्र में जाना होगा, लेकिन ट्रेन का इंतजार गुजरात में करना पड़ सकता है. स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए 4 भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, और गुजराती में अनाउंसमेंट किया जाता है. इससे दोनों राज्यों के यात्रियों को जानकारी समझने में आसानी होती है.
नवापुर स्टेशन इतिहास
यह स्टेशन अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है. जब इस रेलवे लाइन को बिछाया गया था, तब राज्यों की सीमाएं वैसी नहीं थीं जैसी आज हैं. बाद में जब राज्यों का पुनर्गठन हुआ और महाराष्ट्र व गुजरात अलग हुए, तो यह स्टेशन ठीक बॉर्डर के बीचों-बीच आ गया, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
दो राज्यों में बंटे होने की वजह से यहां का कानून भी अलग-अलग है. गुजरात में शराब पर पाबंदी है, वहीं महाराष्ट्र में पान मसाला और गुटखा प्रतिबंधित है. ऐसे में स्टेशन के किस हिस्से में आप खड़े हैं, ये बहुत मायने रखता है.
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