उत्तर प्रदेश की पारंपरिक डिश फरा हेल्थ और स्वाद का बेहतरीन कॉम्बो है. यह डिश देखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसका स्वाद इतना सही और चटक होता है कि एक बार खाने के बाद दोबारा जरूर बनाने का मन करता है. खास बात यह है कि फरा तला हुआ नहीं होता, बल्कि स्टीम करके बनाया जाता है, इसलिए यह हेल्थ के लिए भी अच्छा माना जाता है.
फरा मुख्य रूप से चावल के आटे और दाल के मिश्रण से बनाया जाता है. इसमें न ज्यादा तेल होता है और न ही ये पेट के लिए भारी माना जाता है. यूपी के कई इलाकों में इसे सुबह के नाश्ते या हल्की डिनर के तौर पर खाया जाता है.
दो लोगों के लिए फरा बनाने का सामान
स्टेप-बाय-स्टेप फरा बनाने की आसान तरीका
तड़के का जादू
स्टीम होने के बाद फरा वैसे ही खाया जा सकता है, लेकिन असली स्वाद इसके हल्के तड़के से आता है. एक तवे पर थोड़ा सरसों का तेल गर्म करें, उसमें जीरा डालें और फिर स्टीम किए हुए फरों को हल्का सा पलट लें. इससे फरा बाहर से हल्का क्रिस्पी और अंदर से सॉफ्ट रहता है. साथ ही स्वाद भी बढ़ जाता है.
चटनी के साथ खाएं
फरा को हरी धनिया-पुदीना की चटनी या टमाटर की हल्की खट्टे- मीठे चटनी के साथ भी परोसा जा सकता है. यह कॉम्बिनेशन इसके स्वाद को और निखार देता है.
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