शराब पर लगा बैन
शराब पर लगा बैन
शादी-पार्टियों में शराब पीना तो मानो ट्रेंड ही बन गया है, खासकर पहाड़ी इलाकों में. ऐसे में अगर आप भी शराब पीने के शौकीन हैं और उत्तराखंड के रहने वाले हैं तो जरा ठहर जाइए. क्योंकि, उत्तराखंड के एक गांव में तो खुद गांव वालों ने शराबबंदी का फैसला कर लिया है. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ ब्लॉक के लामबगड़ खीरों गांव के बारे में. इस गांव में शराब पीने और पिलाने पर सख्त नियम लागू किए गए हैं. साथ ही गांव की सड़क से लगी दुकानों में भी शराब की बिक्री सहित चरस की खेती पर भी पाबंदी लगा दी गई है. यदि फिर भी कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है, तो उसे 25000 रुपये का जुर्माना और बिजली का कनेक्शन काटने के साथ-साथ सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा. मतलब, शराब बेंचने और खरीदने वाले, दोनों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लग सकता है.
बद्रीनाथ धाम से कुछ ही दूरी पर है यह गांव
बता दें कि, ये गांव बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा हुआ है. जहां 100 से अधिक परिवारों का बसेरा है. यहां से बद्रीनाथ धाम की दूरी मात्र 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है. धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस ग्राम सभा के लोगों ने पुलिस की टीम की मौजूदगी में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में बैठक कर शराबबंदी पर लिखित प्रस्ताव पारित किया है. जिसमें ग्राम प्रधान मीना चौहान के नेतृत्व में सभी ग्रामीणों ने एकमत होकर शराबबंदी पर मोहर लगाई है.
बैठक में शराब के बढ़ते चलन पर चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि शराब के बढ़ते चलन से गांव का माहौल खराब हो रहा है. इसका प्रभाव परिवारों पर भी पड़ रहा है. सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी और बच्चों पर इसका बहुत ही बुरा असर पड़ रहा है. इसलिए गांव में अब शराबबंदी जरूरी है. वहीं अब इस फैसले के चलते पूरा गांव चर्चा का विषय बना हुआ है, साथ ही लोग इस गांव कि मिसाल दे रहे हैं.
(रिपोर्टर: कमलनयन सिलोड़ी)
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