Watermelon's History: कितना पुराना है तरबूज का इतिहास? गर्मियों में मिलने वाले इस फल के लिए हो चुकी है खूनी जंग

तरबूज का इतिहास 5000 साल पुराना है. तरबूज की पहली फसल लगभग 5,000 साल पहले मिस्र में हुई थी. तरबूज और उसके बीजों के निशान 12वें मिस्र राजवंश के स्थलों पर खोजे गए हैं.

तरबूज का इतिहास
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST
  • खाने में भी स्वादिष्ट होते हैं तरबूज
  • 5000 साल पुराना है तरबूज का इतिहास

वॉटर मेलन.. ऐसा फल जिसे नापसंद करने की शायद कोई वजह नहीं है.. तरबूज दुनियाभर के लोगों का पसंदीदा फल है. ये तरबूज की लोकप्रियता ही है कि दुनियाभर में 100 मिलियन टन से ज्यादा तरबूज हर साल उगाया जाता है. इसकी 1200 से ज्यादा किस्में दुनियाभर में मौजूद हैं. गर्मियों के लिए तरबूज किसी अमृत से कम नहीं है. प्यास बुझानी हो या रसीले फल का आनंद लेना हो...तरबूज हर जगह फिट बैठता है. यह जानलेवा लू से भी बचाता है.

5000 साल पुराना है तरबूज का इतिहास
आपको जानकार हैरानी होगी कि तरबूज का इतिहास 5000 साल पुराना है. तरबूज की पहली फसल लगभग 5,000 साल पहले मिस्र में हुई थी. तरबूज और उसके बीजों के निशान 12वें मिस्र राजवंश के स्थलों पर खोजे गए हैं. प्राचीन मिस्र के शिलालेखों में विभिन्न प्रकार के तरबूजों के चित्र भी पाए गए हैं. तरबूज के बीज अफ्रीका के कालाहारी रेगिस्तान से गुजरने वाले व्यापारियों को बेचे जाते थे. मिस्रवासी नील नदी के किनारे फलों की खेती करते थे और इसके पानी का उपयोग फसलों की सिंचाई के लिए करते थे. वहां से तरबूज की खेती पूरे अफ्रीका में फैल गई.

नौवीं शताब्दी से चीन में उगाए जा रहे तरबूज
नौवीं शताब्दी के अंत तक तरबूज की खेती चीन में आम हो गई यहां तक ​​कि चीनी साहित्य में भी इसका उल्लेख किया गया. वहां से यह भारत सहित एशिया के अन्य हिस्सों में फैल गया. चीन और एशिया में आम हो गई. यूनानियों और रोमनों ने इस फल को अपनाया और इसे अपने भोजन और पाक पद्धतियों में शामिल किया. जॉन मारियानी की किताब "द डिक्शनरी ऑफ अमेरिकन फूड एंड ड्रिंक" के अनुसार, 'तरबूज' शब्द पहली बार 1615 में अंग्रेजी शब्दकोश में आया था. तरबूज को आमतौर पर एक तरह के Melon के रूप में जाना जाता था.

Watermelon

तरबूज के फायदे
तरबूज का हर हिस्सा खाया जाता है, जिसमें इसका छिलका और बीज भी शामिल है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. तरबूज के छिलके का अचार काफी देशों में पसंद किया जाता है. इतना ही नहीं इसका छिलका भी तरबूज फेफड़ों, पेट और प्रोस्टेट जैसे कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है. तरबूज में 92% पानी और 8 फीसदी फाइबर होता है. तरबूज आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है. तरबूज लगभग 85 से 100 दिन में तैयार हो जाते हैं. आज तरबूज गर्मियों में खाया जाने वाला सबसे लोकप्रिय फल है.

हो चुकी है तरबूज के लिए जंग
बीकानेर रियासत और नागौर रियासत के बीच तरबूज के लिए जंग हो चुकी है. दरअसल हुआ यूं कि बीकानेर रियासत के सीलवा गांव के एक किसान ने तरबूज उगाया.. तरबूज की बेल बढ़कर नागौर रियासत के गांव जाखड़ियां जा पहुंची. इस बेल में एक फल भी लगा जोकि जाखड़ियां की सीमा में पड़ता था. बीकानेर रियासत का कहना था कि ये फल उसका है क्यूंकि इसकी बेल की जड़ें उसके रियासत से जाती हैं. जबकि नागौर का कहना था कि फल उसका है क्योंकि उसकी सीमा में लगा है. इसी बात पर युद्ध छिड़ गया था. हजारों सैनिकों ने युद्ध किया. युद्ध में बीकानेर रियासत की जीत हुई थी.
 

 

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