मुजफ्फरपुर जिले के कन्हौली स्थित पुलिस पाठशाला में वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई. पाठशाला प्रबंधन और सामाजिक कार्यकर्ता नसीमा खातून के प्रयास से गुल्लक बैंक योजना लागू की गई है. इस योजना का उद्देश्य बच्चों में बचत की आदत डालना, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और भविष्य में आत्मनिर्भर बनाना है.
बच्चों को मिला गुल्लक
योजना के तहत प्रत्येक बच्चे को एक गुल्लक और पासबुक दिया गया है. हर बच्चा अपनी पॉकेट मनी से प्रति माह 50 रुपए गुल्लक में जमा करेगा. रविवार को योजना की शुरुआत के मौके पर कुल 58 बच्चों ने पैसे जमा किए. खास बात यह रही कि बच्चों ने यह पैसे अपने खर्च से बचाकर डाले. पासबुक में पिता और बच्चे का नाम अंकित है और उसमें अब तक जमा राशि का ब्योरा दर्ज किया जाएगा.
जन्मदिन पर विशेष उपहार
योजना के तहत बच्चों के जन्मदिन पर उनके खाते में ₹1100 की राशि जमा की जाएगी. यह रकम बच्चों के नाम पर एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के रूप में रखी जाएगी. जब बच्चा 18 वर्ष की आयु पूरी करेगा, तब यह पूंजी उसके काम आएगी. पाठशाला प्रबंधन का मानना है कि यह जमा राशि बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में सहायक होगी.
बचपन से ही हो बचत की आदत
सामाजिक कार्यकर्ता और पाठशाला की संचालिका नसीमा खातून ने कहा कि हमने बच्चों के लिए गुल्लक बैंक की शुरुआत इस सोच के साथ की है कि छोटे-छोटे गुल्लक एक दिन बड़ा गुल्लक बन जाएं. यह राशि बच्चों के वयस्क होने पर उनके काम आएगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे. उन्होंने बताया कि हर बच्चा 50 रुपए मासिक जमा करेगा. साथ ही पाठशाला प्रबंधन जन्मदिन पर अतिरिक्त 500 रुपए भी जमा करेगा. यह पूरी राशि बैंक में एफडी के रूप में सुरक्षित रखी जाएगी.
मास्टर खाता में होगी जमा पूंजी
सभी बच्चों की जमा राशि एक मास्टर खाते में रखी जाएगी. इसके बाद प्रत्येक बच्चे के नाम पर अलग-अलग एफडी खोली जाएगी. वर्तमान में पाठशाला में करीब 150 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. योजना की शुरुआत के दिन 58 बच्चों ने अपने योगदान से अभियान को नई दिशा दी.
बच्चों ने जताई खुशी
छात्रा नंदनी कुमारी ने गुल्लक बैंक को लेकर कहा कि पहले हम छोटी-छोटी चीजों में पैसे खर्च कर देते थे. अब समझ आया कि थोड़ी बचत करने से भविष्य सुरक्षित हो सकता है. जब बड़े होंगे तो यही पैसा हमारी पढ़ाई और जरूरत के समय सहारा बनेगा. इस मौके पर बच्चे काफी खुश दिखे.
जिम्मेदारी भी बच्चों की
प्रत्येक बच्चे को गुल्लक के साथ एक पॉकेट डायरी दी गई है. बच्चे इस डायरी में हर महीने जमा किए गए पैसों का विवरण खुद लिखेंगे. पाठशाला प्रबंधन भी एक रजिस्टर रखेगा, जिसमें यह दर्ज होगा कि किसने कितना योगदान किया. यह गुल्लक योजना केवल बचत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों में अनुशासन, भविष्य-लक्षी सोच और आत्मनिर्भरता की भावना भी विकसित करेगी.
(मुजफ्फरपुर से मणि भूषण शर्मा की रिपोर्ट)