हर साल 8 जून को विश्व महासागरों, इनमें रहने वाले जीवों और इसके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए World Ocean Day (विश्व महासागर दिवस) मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि महासागर न केवल पृथ्वी पर 50% ऑक्सीजन का उत्पादन करता है, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है. अनुमानित रूप से 2030 तक समुद्र आधारित उद्योगों से 40 मिलियन लोगों को रोजगार दिया जाएगा.
लेकिन पिछले कुछ सालों में समुद्रों को इतना दुषित किया गया है कि समुद्री जीवों की प्रजातियां खतरे में हैं. इसलिए यह दिन बहुत महत्व रखता है ताकि लोगों को समुद्रों के बचाव और संरक्षण के लिए जागरूक किया जा सके. आज हम आपको बता रहे हैं ऐसे कुछ लोगों के बारे में जो अपने स्तर पर समुद्रों को बचाने में जुटे हैं.
1. मरीन लाइफ ऑफ मुंबई (Marine Life of Mumbai)
Marine Life of Mumbai (MLOM) की शुरुआत साल 2017 में सिद्धार्थ चक्रवर्ती (रिसर्चर), अभिषेक जमालाबाद (समुद्री जीवविज्ञानी ) और प्रदीप पाटाडे (समुद्री विशेषज्ञ) ने शुरू किया था. प्रदीप कुछ समय से मुंबई की जैव विविधता का डॉक्युमेंटेशन कर रहे थे, और अपनी रिसर्च को लोगों तक पहुंचाना चाहते थे ताकि उन्हें समुद्री जीवन के बारे में जागरूक किया जा सके. काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने MLOM का फेसबुक पेज बनाया.
अपने फेसबुक पेज के माध्यम से, वह एक समुद्री डेटाबेस बनाना चाहते हैं जिस पर लोग बताएं कि उन्होंने किसी समुद्री जीव को कहां देखा, उसकी तस्वीर और साइंटिफिक नाम आदि की जानकारी भी हो. उनके पेज का उद्देश्य समुद्री जीवन में रुचि रखने वाले लोगों को साथ लाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग डेटाबेस में योगदान दें. MLOM हर महीने समुद्र तटों पर वॉक आयोजित करता है.
इन वॉक के माध्यम से, वे लोगों को मुंबई के समुद्री जीवन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित करते हैं ताकि लोग समुद्र का संरक्षण करें.
2. अर्थ कोलैब (Earth CoLab)
तसनीम खान, उम्मेद मिस्त्री, हयात सदरी, पूजा गुप्ता और सविता विजयकुमार ने मिलकर अपने-अपने स्किल्स और अनुभव के जरिए Earth CoLab की शुरुआत की. ये लोग साथ मिलकर ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिसके जरिए हमारे सीखने, संवाद करने, काम करने और हमारे आसपास की दुनिया को देखने के तरीके में बदलाव आए.
अंडमान सागर में एक सेलबोट पर उन्होंने अनूठी लैब बनाई है, जिसमें आप बहुत कुछ सीख सकते हैं. इसका नाम है- vessel of inquiry. जिसका वे पहले हिंद महासागर क्षेत्र और फिर शेष महासागरीय दुनिया में विस्तार करना चाहते हैं. जिस पर छात्रों के लिए ओपन-सोर्स और चलते-फिरते सीखने के साधन हों.
उनका उद्देश्य लोगों को समुद्र की विशाल दुनिया से अवगत कराना है ताकि हम सब इसे सहेजना चाहें. इसे बचाने के प्रयास करें.
3. रीफवॉच मरीन कंजर्वेशन (ReefWatch Marine Conservation)
समुद्री जीव विज्ञान और संरक्षण में मास्टर्स करने वाली नयनतारा ReefWatch Marine Conservation के साथ काम कर रही हैं. इस संगठन को साल 1993 में प्रह्लाद और मिताली कक्कड़ ने शुरू किया था. एक बार नयनतारा अंडमान और निकोबार द्वीप घूमने आईं. छुट्टियां खत्म होने पर उन्होंने यहीं रुककर बतौर स्कूबा ट्रेनर काम करने का फैसला किया.
यहां उन्होंने देखा कि कैसे एक ग्लोबल ब्लीचिंग इवेंट ने कोरल रीफ्स को मार डाला. इसके बाद उन्होंने इसके लए काम करने की ठानी. रीफवॉच का मिशन सरल लगता है. क्योंकि इसका मतलब है कि "शिक्षा, रिसर्च और प्रबंधन से समुद्र और उसके भीतर के जीवन की रक्षा करना."
लेकिन जमीनी काम हमारी कल्पना से परे है. नयनतारा और उनकी टीम तकनीकी प्रयासों से परे, देश भर में कई आउटरीच, शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम करते हैं और साथ ही कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और समुद्री यात्राओं का आयोजन करते हैं. नयनतारा समुद्री संरक्षण की लड़ाई में सबसे मजबूत आवाज़ों में से एक बन गई हैं. और स्थानीय समुदाय के साथ-साथ देश भर के लोगों को वह समुद्र संरक्षण में शामिल कर रही हैं.