हर किसी को गिफ्ट या तोहफा लेना पसंद होते हैं. लेकिन अलग-अलग देश में विभिन्न मान्यताएं होती हैं, जिसके हिसाब से लोग तोहफा देते हैं. ऐसे ही हिंदुओं में भी कुछ लोगों की मान्यता है कि किन चीज़ों को गिफ्ट के तौर पर नहीं देना चाहिए. इसके पीछे वह कई कारण लगाते हैं. तो चलिए बताते हैं कि क्या है वह चीज़ें.
भगवान की मूर्ति किसी को गिफ्ट करना एक बहुत ही अच्छा आईडिया है. लेकिन इसे किसी को ऐसे ही गिफ्ट नहीं करना चाहिए. कई बार ऐसे भी होता है कि मूर्ति किसी के लिए बोझ बन जाती है. वह उसकी ठीक से देखभाल नहीं करता है. ऐसे में मूर्ति का अपमान होता है.
वॉलेट एक अच्छा गिफ्ट होता है. लेकिन किसी को एक खाली वॉलेट गिफ्ट करने का संबंध खराब वित्तीय संबंध की तरफ इशारा करता है. खाली वॉलेट गिफ्ट प्राप्त करने वाले की ज़िंदगी में वित्त से जुड़ी समस्या लेकर आ सकता है, ऐसा माना जाता है.
जूते एक तरह से शानदार गिफ्ट हो सकते हैं. जूते एक तरह से लग्जरी का भी प्रतीक होते हैं. लेकिन हिंदू धर्म की मान्यता है कि जूते एक प्रकार से जीवन से किसी से जाने को दर्शाते हैं. जूते पहन कर इंसान बाहर जाता है. इसलिए माना जाता है कि जूते किसी को गिफ्ट के तौर पर नहीं देने चाहिए.
फूल आमतौर पर हर किसी को पसंद होते है. लेकिन सफेद रंग के फूलों का एक प्रकार से किसी के गुज़र जाने, या किसी दुख का प्रतीक होता है. अगर आप सफेद फूल देते हैं तो हो सकता है कि सामने वाला आपके इस गिफ्ट का बुरा मान सकता है.
चाकू, कैंची या ब्लेड जैसी धानदार चीज़ भी बतौर गिफ्ट नहीं देनी चाहिए. इसके पीछे की वजह है कि माना जाता है कि इनकी धार देने वाले और लेने वाले के रिश्ते की डोर को काट देती है. धारदार चीज़ एक प्रकार से किसी चीज़ को काटने का सिंबल है.
हिंदू धर्म में रुमाल को तोहफे के रुप में गलत माना जाता है. रुमाल एक प्रकार से आंसू और दुख का प्रतीक होता है. अगर अपने किसी तो रुमाल गिफ्ट करते हैं, तो यह माना जाता है कि अपना दुख किसी और को दे रहे हैं.
आजकल मार्केट में एक से एक शानदान डिजाइन में घड़ियां मौजूद होती है. ऐसे में लोग किसी को घड़ी गिफ्ट के तौर पर दे देते हैं. लेकिन देखा जाएं तो हिंदू मान्यता में माना जाता है कि घड़ी एक प्रकार से समय के बीतने को दर्शाती है. कई लोग अपने अच्छे समय को घड़ी के समय से जाने से जोड़कर देखने लगते हैं. वह सोचते हैं कि कहीं उनका अच्छा समय इस घड़ी के हिसाब से न बीतने लगे.