भाद्रपद का महीना शुरू हो चुका है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि के दिन अजा एकादशी व्रत रखा जाता है. जो इस वर्ष 23 अगस्त को पड़ रहा है. अजा एकादशी व्रत को धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-आराधना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से हमें सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. इतना ही नहीं अजा एकादशी के दिन व्रत रखने से माँ लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
अजा एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार अजा एकादशी व्रत जो भी पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं यहां तक कहा जाता है कि इस व्रत को करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. इस व्रत को नियम पूर्वक करने वाले के सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. वहीं यह भी मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले को भगवान विष्णु के साथ ही माँ लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है.
अजा एकादशी व्रत तिथि 2022
अजा एकादशी व्रत भाद्रपद मास में पड़ता है. इस बार अजा एकादशी व्रत 23 अगस्त को पड़ रहा है. इस बार अजा एकादशी व्रत तिथि का प्रारम्भ 23 अगस्त की सुबह 07 बजकर 02 मिनट से शुरू होगा. वहीं इसका समापन 24 अगस्त की सुबह 05 बजकर 09 मिनट पर होगा.
अजा एकादशी व्रत पूजा विधि
अजा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करके भगवान विष्णु के सामने व्रत के संकल्प लें. इसके बाद पूजा घर में या फिर पूर्व दिशा में एक चौकी पर भगवान विष्णु का आसन लगाएं. इसके बाद उसपर गेहूं का ढेर रखकर एक कलश में जल भरकर उसकी स्थापना करने. इसके बाद कलश पर पान के पत्ते लगाकर नरियर रखकर भगवान विष्णु की तस्वीर रखें. फिर विष्णु जी के सामने दीपक जलाएं और उनकी फल-फूल से पूजा करें. इसके बाद दूसरे दिन सुबह स्नान आदि करके विष्णु जी की पूजा करें. इसके बाद व्रत का पारण करें. इसके बाद कलश के जल का छिड़काव घर में कर दें. वहीं बाकि बचा हुए जल को किसी पौधे या तुलसी में चढ़ा दें.