Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या दीपोत्सव में बनेगा 26 लाख दीयों को जलाने का विश्व रिकॉर्ड, घर बैठे जलाएं एक दिया राम के नाम, इस पैकेज के तहत आप तक पहुंचेगा सरयू जल, पवित्र मिट्टी और प्रसाद

Ek Diya Ram Ke Naam: अयोध्या दीपोत्सव 2025 कार्यक्रम 17 अक्टूबर से लेकर 19 अक्टूबर 2025 तक चलेगा. आप भी एक दिया राम के नाम अभियान के तहत अब घर बैठे दीपोत्सव में शामिल हो सकेंगे. आप देश-विदेश कहीं से भी वर्चुअल रूप से दीया जला पाएंगे. आइए जानते हैं कैसे?

Ayodhya Deepotsav (File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 9:05 PM IST

भगवान राम की नगरी अयोध्या में तीन दिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ 17 अक्टूबर से हो रहा है, जिसका समापन 19 अक्टूबर 2025 को होगा. अयोध्या दीपोत्सव 2025 को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए यूपी की योगी सरकार ने 'एक दिया राम के नाम' पहल शुरू की है.

एक दिया राम के नाम अभियान के तहत श्रद्धालु घर बैठे दीपोत्सव में शामिल हो सकेंगे. वे एक दिया राम के नाम अभियान जरिए देश-विदेश कहीं से भी वर्चुअल रूप से दीया जला पाएंगे. इतना ही नहीं दिव्य अयोध्या ऐप के जरिए अयोध्या की पवित्र मिट्टी, सरयू नदी का जल और विशेष पूजन सामग्री भी आपके घर भेजी जाएगी. ऐप में मंदिर की जानकारी, गाइडेड टूर, होटल व होम स्टे बुकिंग और परिवहन सेवाओं की सुविधा उपलब्ध है. भक्तों के लिए तीन विशेष पैकेज भी पेश किए गए हैं. 

1. राम ज्योति पैकेज (2100 रुपए): इसमें रोली, सरयू का जल, अयोध्या की मिट्टी, रामदाना, मिस्री, रक्षा सूत्र, हनुमानगढ़ी के लड्डू और मिनी पादुका शामिल हैं.
2. सीता ज्योति पैकेज (₹1100): इसमें पूजा सामग्री कम मात्रा में उपलब्ध है.
3. लक्ष्मण ज्योति पैकेज (₹501): इसमें भी पूजा सामग्री शामिल है.

इस ऐप से पैकेज कर सकते हैं बुक 
राम ज्योति, सीता ज्योति और लक्ष्मण ज्योति पैकेजों के तहत भक्त 19 अक्टूबर को वर्चुअल दिया जला सकेंगे. श्रद्धालु इन पैकेजों को Divya Ayodhya App या वेबसाइट www.divyaayodhya.com/bookdiyaprashad पर जाकर बुक कर सकते हैं. यह ऐप मंदिरों की जानकारी, यात्रा बुकिंग और सांस्कृतिक गाइड जैसी सुविधाएं भी देगा.

जगमग होगा सरयू घाट
इस बार अयोध्या में 26 लाख दीयों से सरयू घाट जगमगाएगा और 2100 भक्त महाआरती में भाग लेंगे. इस तरह से दो नए विश्व रिकॉर्ड भी बनाए जाएंगे. दीपोत्सव की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले दीये को जलाकर करेंगे. इसके बाद स्वयंसेवक घाटों पर एक साथ लाखों दीये जलाएंगे.

परंपरा और तकनीक का संगम
दीपावली का पर्व न केवल परंपरा और आस्था को दर्शाता है, बल्कि स्वदेशी उत्पादों और तकनीक के माध्यम से रोजगार और संस्कृति को भी बढ़ावा देता है. 'एक दिया राम के नाम' और 'वोकल फॉर लोकल' जैसे अभियानों से भारत की परंपरा और संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं.


 

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