अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह की शुरुआत हो गई है. पांच दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान के पहले दिन कलश यात्रा निकाली गई. इस दौरान कलश यात्रा में शामिल महिलाओं का जोश और उत्साह देखते ही बना. इस कलश यात्रा के जरिए सरयू से लाए गए पवित्र जल से ही रामलला का अभिषेक होगा. 25 नवंबर को समारोह का मुख्य आयोजन है. जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर के शिखर पर केसरिया रंग की ध्वजा फहराई जाएगी.
कलश यात्रा के लिए 551 कलश की व्यवस्था-
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अनुष्ठान के यजमान डॉक्टर अनिल मिश्र ने बताया कि कलश यात्रा के लिए 551 कलश की व्यवस्था की गई है. जिनमें लाए गए सरयू जल से रामलला का अभिषेक किया जाएगा. काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की देखरेख में ध्वजारोहण समारोह से जुड़े वैदिक अनुष्ठान और कार्यक्रम 25 नवंबर तक चलेंगे. और 25 तारीख के शुभ मुहूर्त में पीएम मोदी के हाथों मंदिर के शिखर पर 22 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी ध्वजा फहराई जाएगी.
500 किलो लड्डू हो रहा तैयार-
वैदिक अनुष्ठान शुरू होते ही मेहमानों के लिए प्रसाद बनाने का काम भी शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक राम मंदिर ट्रस्ट 500 किलो लड्डू तैयार करवा रहा है. ये लड्डू पहले रामलला को अर्पित किए जाएंगे. इसके बाद प्रसाद स्वरूप में इसे कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों को बांटा जाएगा. ये प्रसाद शुद्ध घी, बेसन और मेवा से तैयार किया जा रहा है.
5 दिनों के दौरान कई कार्यक्रम-
पांच दिनों के दौरान अयोध्या में कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. जिनमें लोक नृत्य, संगीतमय प्रस्तुतियां और सांस्कृतिक झांकियां शामिल हैं. वहीं, इस खास मौके के लिए अयोध्या को आकर्षक रोशनी, रंग-बिरंगे फूलों, पारंपरिक रंगोलियों और वॉल पेटिंग्स के जरिए विशेष रूप से सजाया जा रहा है.
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की नगरी में 25 नवबंर के दिन एक और भव्य आध्यात्मिक और गौरवशाली उत्सव की साक्षी बनने जा रही है.
(मयंक शुक्ला की रिपोर्ट)
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