Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर के शिखर पर लगाया गया 42 फुट ऊंचा ध्वजदंड, पहले स्थापित किया गया था मंदिर में कलश

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया है. इस ऐतिहासिक मौके पर भक्तों ने जय श्रीराम के नारे लगाए. इससे पहले मंदिर में 3500 किलोग्राम का कलश स्थापित किया गया था.

A 42-foot flag pole was installed on the top of the temple
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:04 PM IST

राम नगरी अयोध्या में हर दिन कुछ नया हो रहा है. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर 42 फुट ऊंचा ध्वज दंड स्थापित किया गया. यह कार्य पूरी श्रद्धा और विधि पूर्वक मंत्रोच्चारण और धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए संपन्न हुआ. 

ध्वजदंड स्थापना के वक्त मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे. इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने सभी भक्तों ने जय श्री राम के नारे लगाए. आने वाले समय में जब रामलला का भव्य मंदिर पूर्ण हो जाएगा, तब यह ध्वज श्रीराम की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक बनकर अयोध्या के आकाश में लहराता रहेगा. 

ध्वजदंड की स्थापना परशुराम जयंती के दिन-
चम्पक राय ने बताया कि आज परशुराम जयंती के दिन ध्वजदंड की स्थापना हुई है. उन्होंने बताया कि ध्वजदंड की ऊंचाई लगभग 42 फुट है और यह सुनहरे रंग में है. यह ध्वजदंड श्रीराम जन्मभूमि के शिखर पर स्थापित किया गया है.

ध्वज दंड स्थापना का प्रोसेस सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू हुआ और डेढ़ घंटे में पूरा किया गया. राम मंदिर का निर्माण तेजी से पूरा हो रहा है और ध्वज दंड की स्थापना मंदिर के भव्य स्वरूप को और निखार रही है.

रामजन्मभूमि के ध्वज दंड को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, ताकि यह मंदिर की भव्यता और पवित्रता के अनुरूप हो. इसे स्थापित करने में इंजीनियरों और कारीगरों की एक कुशल टीम ने दिन-रात मेहनत की.

भक्तों में उत्साह-
मंदिर प्रांगण में उपस्थित भक्तों ने अपनी खुशी और उत्साह व्यक्त किया. भक्तों का कहना है कि मैं बहुत खुश हूँ. मेरी बहुत इच्छा थी यहाँ आने की और हमें आज मौका मिला. मैं बहुत एक्साइटेड हूँ इसको लेकर. एक अन्य भक्त ने कहा कि बहुत अच्छा लगा और नई नई चीजें देखने को मिल रही है. 

अयोध्या में इस ऐतिहासिक ध्वजदंड की स्थापना ने भक्तों के दिलों में नई उमंग और उत्साह भर दिया है. यह ध्वजदंड श्रीराम की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक बनकर अयोध्या के आकाश में लहराता रहेगा.

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