पाक हमले के जवाब के बाद चारधाम यात्रा में हाई अलर्ट! 6000 पुलिसकर्मी, 6 पैरामिलिट्री यूनिट तैनात, बगैर चेकिंग नहीं मिलेगा प्रवेश

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस बार चारधाम यात्रा में अब तक करीब 7 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. अनुमान है कि जून के अंत तक यह संख्या 15 लाख पार कर जाएगी. इतनी भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा तैयारियां भी उसी स्तर पर की जा रही हैं.

Chardham yatra
gnttv.com
  • देहरादून,
  • 09 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:50 PM IST
  • एंटी टेरर स्क्वॉड की 11 टीमें एक्टिव
  • सुरक्षा एजेंसियां 24x7 सतर्क

चारधाम यात्रा के दौरान इस बार उत्तराखंड में जबरदस्त सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है हाल ही में पाकिस्तान पर भारत की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई, जिसके बाद देशभर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों पर आतंकी कोई साजिश रच सकते हैं. ऐसे में देवभूमि में चल रही चारधाम यात्रा में भी सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जा रही.

गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (IG) राजीव स्वरूप ने बताया कि इस बार चारधाम यात्रा में सुरक्षा के लिए कई स्तरों पर इंतजाम किए गए हैं. "पिछले साल जहां 5500 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर लगाया गया था, वहीं इस बार 6000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा केंद्र से 6 पैरामिलिट्री यूनिट्स भी भेजी गई हैं, जिन्हें संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है."

एंटी टेरर स्क्वॉड की 11 टीमें एक्टिव
IG स्वरूप ने बताया कि आतंकवाद विरोधी दस्ते यानी एटीएस (ATS) की 11 टीमें इस समय फील्ड में हैं. ये टीमें किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने और तत्काल कार्रवाई के लिए तैयार हैं. इसके अलावा खुफिया एजेंसियों के इनपुट पर सादी वर्दी में भी पुलिस बल को भीड़ में तैनात किया गया है.

हाईवे से मंदिर तक, हर चप्पे पर निगरानी
चारधाम यात्रा में इस बार सीसीटीवी निगरानी को भी अपग्रेड किया गया है. यात्रा मार्गों पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है, खासतौर पर उन जगहों पर जहां श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होती है या रास्ता दुर्गम है. हर जिले के पुलिस कंट्रोल रूम को हाई अलर्ट मोड पर रखा गया है.

वाहन और व्यक्ति दोनों की होगी सघन चेकिंग
पुलिस ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यात्रा मार्ग पर हर वाहन की चेकिंग की जाएगी. चाहे वह लोकल टैक्सी हो, प्राइवेट वाहन या बस- हर किसी को सुरक्षा जांच से गुजरना होगा. वहीं श्रद्धालुओं को भी यात्रा शुरू करने से पहले ई-पास और पहचान पत्र साथ रखने को कहा गया है.

क्यों बढ़ी है चिंता?
गौरतलब है कि हाल ही में भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की है. इसके बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के बदले की चेतावनी और खुफिया इनपुट्स ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है. देशभर में खासकर धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को टारगेट बनाए जाने की आशंका जताई गई है.

15 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस बार चारधाम यात्रा में अब तक करीब 7 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं. अनुमान है कि जून के अंत तक यह संख्या 15 लाख पार कर जाएगी. इतनी भारी संख्या में लोगों की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा तैयारियां भी उसी स्तर पर की जा रही हैं.

"सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है" - IG राजीव स्वरूप
IG गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप ने कहा, "हम किसी भी हालात से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. लोग यात्रा पर आएं, लेकिन सुरक्षा निर्देशों का पालन करें. संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत 112 पर सूचना दें."

चारधाम यात्रा, जहां श्रद्धा और आस्था की ऊंचाई पर लोग पहुंचते हैं, वहीं इस बार हर एक कदम पर सुरक्षा का भी पहरा है. ये इंतजाम इसलिए नहीं कि डर फैलाया जाए, बल्कि ताकि हर कोई सकुशल दर्शन कर सके. देश की सेनाएं सरहद पर मुस्तैद हैं, और अब पुलिस देवभूमि की चौकसी में कोई कसर नहीं छोड़ रही.

(अंकित शर्मा की रिपोर्ट)


 

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