Chardham Yatra 2025: चारधाम जाने वाले श्रद्धालु! यात्रा पर जाने से पहले एक बार जरूर पढ़ लें ये खबर, दर्शन में नहीं होगी कोई परेशानी

Chardham Yatra: चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल 2025 से हो गई है. सबसे पहले यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोले गए. इसके बाद केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल चुके हैं. यदि आप भी चारधाम की यात्रा पर जाने का प्लान बनाए हुए हैं तो इस खबर को जरूर पढ़ लीजिए. आपकी यात्रा मंगलमय होगी. 

Chardham Yatra 2025 (Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST
  • श्रद्धालुओं के लिए चारों धाम के खुल गए हैं कपाट
  • चारधाम की यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी 

इस साल चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) पर जाने वाले श्रद्धालुओं का इंताजर खत्म हो गया है. चारों धामों यमुनोत्री (Yamunotri), गंगोत्री (Gangotri), केदारनाथ (Kedarnath) और बद्रीनाथ (Badrinath) के कपाट खोल दिए गए हैं. 

सबसे पहले 30 अप्रैल 2025 को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम का कपाट खोला गया और अंत में विधि-विधान के साथ 4 मई 2025 को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं. इसके साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत पूर्ण रूप से हो गई है. यदि आप उत्तराखंड (Uttarakhand) की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर जाने का प्लान बनाए हुए हैं तो आपको पूर रूट मैप, रजिस्ट्रेशन लेकर हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानकारी होनी चाहिए. यह भी जानना चाहिए कि इस बार क्या-क्या प्रतिबंध लगाया गया है?

रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी
किसी भी श्रद्धालु के लिए चारधाम की यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है. भक्त ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए कोई भी फीस नहीं देनी होती है. यह फ्री में होता है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भक्तगण घर बैठे कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें https://registrationandtouristcare.uk.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा. 

यहां पर मांगी गई जरूरी जानकारी भरकर आप  रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. श्रद्धालु ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकते हैं. इसके 60 से अधिक रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं. देहरादून में 30 रजिस्ट्रेशन सेंटर, हरिद्वार में 20 और ऋषिकेश में 20 रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं. इसके साथ ही चारधाम यात्रा रूट में भी कई जगहों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर बनाए गए हैं. रजिस्ट्रेशन के लिए आईडी प्रूफ, ताजा फोटो और मेडिकल सर्टिफिकेट चाहिए. यदि कोई श्रद्धालु बिना रजिस्ट्रेशन के चारधाम यात्रा के लिए जाता है तो उसे दर्शन नहीं करने दिया जाएगा इसलिए आप रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें. यमुनोत्री जाने वाले भक्तों के रजिस्ट्रेशन बड़कोट में, गंगोत्री में जाने वाले के हीना में, केदारनाथ जाने वाले के सोनप्रयाग में और बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के कागजात पांडुकेश्वर में चेक हो रहे हैं.

रील बनाने और वीआईपी दर्शन पर रोक 
इस बार केदारनाथ और बद्रीनाथ मंदिर परिसर में वीडियो रील्स बनाने वालों को नहीं आने दिया जाएगा. चारधाम यात्रा के दौरान यदि कोई सोशल मीडिया रील बनाता मिला तो बिना दर्शन उसे लौटा दिया जाएगा. इस बार पैसे देकर वीआईपी दर्शन की व्यवस्था भी सभी धामों पर बंद रहेगी. 

कहां से शरू होती है चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा की यात्रा हरि के द्वार यान हरिद्वार से शुरू होती है. हरिद्वार से शुरू होकर यात्रा ऋषिकेश जाती है. इसके बाद श्रद्धालु यहां से उत्तरकाशी जिले स्थित यमुनोत्री धाम दर्शन के लिए जाते हैं. फिर श्रद्धालु गंगोत्री धाम दर्शन के लिए जाते हैं. यहां दर्शन करने के बाद भक्तगण ऋषिकेश के रास्ते बाबा केदार के धाम दर्शन करने के लिए जाते हैं. सबसे अंत में बदरीनाथ धाम के दर्शन श्रद्धालु करते हैं. बदरीनाथ धाम के दर्शन करने के बाद चारधाम यात्रा संपन्न हो जाती है.

दिल्ली से कैसे जा सकते हैं चारधाम 
यदि कोई श्रद्धालु दिल्ली से चारधाम की यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो उन्हें सबसे पहले दिल्ली से हरिद्वार पहुंचना होगा. दिल्ली से हरिद्वारा की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है. हरिद्वार से 25 किमी की दूरी तय करके ऋषिकेश जाना होगा. श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश दोनों जगह से देहरादून होते हुए बड़कोट और जानकीचट्टी के रास्ते यमुनोत्री धाम पहुंच सकते हैं. यमुनोत्री धाम में दर्शन करने के बाद बड़कोट आकर उत्तरकाशी होते हुए गंगोत्री धाम जाकर दर्शन कर सकते हैं.

श्रद्धालु केदारनाथ जाने के लिए ऋषिकेश से देवप्रयाग होते हुए श्रीनगर और रुद्रप्रयाग जाते हैं. रुद्रप्रयाग से दो मार्ग है. एक अलकनंदा नदी पार करके मंदाकिनी के किनारे होते हुए केदारनाथ जा सकते हैं और दूसरा मार्ग अलकनंदा के किनारे होते हुए कर्णप्रयाग से चमोली की ओर जाता है. यह मार्ग रुद्रप्रयाग से गुप्तकाशी और गौरीकुंड होते हुए केदारनाथ पहुंचा जाता है. श्रद्धालु रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग, चमोली और जोशीमठ होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचते हैं.

चारधाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु इन नंबरों को जरूर जान लें
1. टूरिस्ट हेल्पलाइन नंबर: 0135-2559898, 2552627, 3520100
2. स्थानीय लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर: 1364
3. सभी लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर: 9897846203
4. पुलिस विभाग नंबर: 112
5. महिला हेल्पलाइन नंबर: 1090
6. फायर ब्रिगेड नंबर: 101
7. मेडिकल इमरजेंसी नंबर: 108

 

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