Ganesh Chaturthi 2025: 10 दिनों का गणेश उत्सव शुरू... सिर्फ भारत ही नहीं, इन देशों में भी मनाया जाता है गणपति उत्सव... लेकिन कैसे... यहां जानिए

Ganesh Utsav 2025: भारत में 10 दिनों का गणेश उत्सव शुरू हो चुका है. क्या आप जानते हैं भारत सहित कई और देशों में भी गणेश उत्सव मनाया जाता है. आइए जानते हैं किन-किन देशों में गणेश उत्सव कैसे मनाया जाता है?

Ganesh Utsav 2025
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST
  • भारत में 27 अगस्त से 6 सितंबर 2025 तक मनाया जाएगा गणेश उत्सव 
  • नेपाल में गणेश चतुर्थी को जाना जाता है विनायक चतुर्थी के नाम से 

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का महापर्व 27 अगस्त दिन बुधवार से शुरू हो चुका है. गणेश चतुर्थी को गणेश उत्सव, विनायक चतुर्थी और गणेश चौथ के नाम से भी जाना जाता है. गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक चलता है. इसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा की प्रतिमा की विसर्जन के साथ होता है. इस बार गणेश उत्सव का समापन 6 सितंबर 2025 को होगा. आपको मालूम हो कि भारत सहित कई और देशों में भी गणेश उत्सव मनाया जाता है. आइए जानते हैं कहां और कैसे गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) मनाया जाता है?

भारत  में गणेश चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा के भक्त घर, मंदिर से लेकर पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर विधि-विधान से आराधना करते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं.

1. नेपाल
पड़ोसी देश नेपाल में भी हमारे देश कि तरह कई पर्व-त्योहार मनाए जाते हैं. नेपाल में भी गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. यहां गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. यहां भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के साथ शुभ और लाभ का प्रतीक माना जाता है. नेपाल में कई मंदिर हैं. काठमांडू घाटी का कमलादि गणेश मंदिर में हजारों भक्त पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं. इस मंदिर को श्वेत गणेश के नाम से भी जाना जाता है. नेपाल में गणेश चतुर्थी के दिन श्रद्धालु मंदिरों में जाकर आराधना करते हैं. बप्पा से बुद्धि, सफलता और समृद्धि की कामना करते हैं.

2. श्रीलंका
हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका में भी गणेश उत्सव मनाया जाता है. इस देश में गणेश जी को पिल्लयार कहा जाता है. तमिल बहुल इलाकों में उनकी विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. श्रीलंका में भगवान गणेश के 14 प्राचीन मंदिर हैं. इतना ही नहीं कोलंबो के पास केलान्या गंगा नदी के किनारे बने कई बौद्ध मंदिरों में भी गणेश जी की मूर्तियां स्थापित हैं. श्रीलंका के लोग भगवान गणेश को बाधा नाशक और सुख-समृद्धि देने वाले देवता के रूप में मानते हैं.

3. जापान
भगवान गणेश की आराधना जापान में भी की जाती है. यहां भगवान गणेश को कांगितेन कहा जाता है और माना जाता है कि वे 8वीं शताब्दी में भारत से यहां पहुंचे थे. कांगितेन को सौभाग्य और समृद्धि का देवता माना जाता है. जापान के व्यापारी से लेकर कलाकार तक गणेश जी कि विशेष रूप से आराधना करते हैं. 

4. मॉरीशस
मॉरीशस में भारतीय मूल के इतने ज्यादा लोग रहते हैं कि इसे 'छोटा भारत' कहा जाता है. इस देश में गणेश चतुर्थी एक सामुदायिक उत्सव के रूप में मनाई जाती है. अपने देश कि तरह मॉरीशस में भी गणेश जी की पूजा के लिए भव्य पंडाल बनाए जाते हैं. इनमें गणेश प्रतिमाएं स्थापिक की जाती हैं. 10 दिनों तक गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है.

5. इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में भी भगवान गणेश की आराधना की जाती है. यहां के लोग भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि और कला के अग्रदूत के रूप में पूजते हैं. इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर भगवान गणेश की आराधना एक तांत्रिक देवता के रूप में की जाती थी. यहां 14वीं और 15वीं शताब्दी में बौद्ध और शैव धर्म के मिश्रण के रूप में यह परंपरा विकसित हुई. इतना ही नहीं पहले यहां के 20 हजार के नोट पर गणेशजी की तस्वीर थी. इसके अलावा पूर्वी जावा के माउंट ब्रोमो के पास उनकी 700 साल पुरानी प्रतिमा आज भी मौजूद है, जो आस्था और इतिहास दोनों का प्रतीक है. बाली में मूर्ति विसर्जन की जगह प्रतीकात्मक पूजा-अर्चना पर जोर दिया जाता है. लोग मंदिरों में जाते हैं, खास प्रसाद चढ़ाते हैं और प्रार्थनाएं करते हैं.

6. थाईलैंड
भगवान गणेश को थाईलैंड में फ्रा-फिकानेत या फ्रा-फिकानेसुआन के नाम से पूजा जाता है. यहां गणेश जी का सबसे पुराना उल्लेख 10वीं शताब्दी में मिला था, जब फांग-ना से उनकी कांस्य प्रतिमा खोजी गई थी. इतना ही नहीं थाईलैंड के चाचोएंगसाओ शहर को गणेश सिटी कहा जाता है, क्योंकि यहां भगवान की विशाल प्रतिमाएं स्थापित हैं. भारत की तरह यहां भी लोग गणेश जी को बाधाओं को दूर करने वाले और सफलता देने वाले देवता मानते हैं. हालांकि थाईलैंड में भारत जैसी गणेश चतुर्थी नहीं मनाई जाती, लेकिन  फ्रा-फिकानेसुआन की पूजा थाई संस्कृति का एक अहम हिस्सा है. थाईलैंड में दुनिया की सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा है.

 

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