Tanot Mata Temple: फिर से भक्तों के खुल गया चमत्कारी मंदिर, तनोट माता मंदिर में बीएसएफ के जवानों ने की विशेष पूजा

जैसलमेर के तनोट माता मंदिर के द्वार भक्तों के लिए फिर से खोल दिए गए हैं. बीएसएफ जवानों ने विशेष पूजा का आयोजन किया. पाकिस्तान के साथ तनाव की वजह से भक्तों के लिए मंदिर बंद कर दिया गया था. हालांकि बीएसएफ के जवान रेगुलर पूजा-पाठ करते थे.

Tanot Mata Temple
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:02 PM IST

राजस्थान में जैसलमेर के तनोट माता मंदिर के द्वार एक बार फिर से आम भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के कारण बीएसएफ ने सुरक्षा कारणों से मंदिर के द्वार अस्थाई रूप से बंद कर दिए थे. बीएसएफ के जवानों ने मंदिर में नियमित पूजा और आरती जारी रखी, लेकिन भक्तों के लिए प्रवेश बंद था. अब हालात सामान्य होने के साथ ही मंदिर के द्वार फिर से खोल दिए गए हैं. बीएसएफ के जवानों ने विशेष पूजा का आयोजन किया और भक्तों की भक्ति की धारा फिर से बहने लगी.

भक्तों के लिए खोला गया मंदिर-
बीएसएफ के जवानों की आस्था और भक्ति तनोट माता के प्रति अटूट है. हर सुबह और शाम जवानों की पूजा और आरती के साथ होती है. 1965 की जंग के बाद से यह सिलसिला लगातार चला आ रहा है. बीएसएफ के जवान तनोट माता के मंदिर में भजन गाते हैं और आरती करते हैं.

सीज़फायर के बाद जैसलमेर बॉर्डर पर हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. बीएसएफ बॉर्डर पर कड़ी निगरानी रख रही है, लेकिन तनोट धाम के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. बीएसएफ के जवानों ने बताया कि कुछ इलाकों में अभी भी कड़ाई बरती जा रही है, लेकिन तनोट क्षेत्र में भक्तों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है.

1965 के जंग से जुड़ी कहानी-
तनोट माता मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है. 1965 और 1971 की जंग में तनोट माता ने शत्रु के प्रहार से भारतीय सैनिकों की रक्षा की. बताया जाता है कि पाकिस्तान ने मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में करीब 3000 बम गिराए, लेकिन एक भी बम नहीं फटा. इस चमत्कार को देख भारतीय सेना के जवानों की आस्था और गाढ़ी हो गई.

हर शाम रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत-
बीते सालों में तनोट धाम आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अच्छा खासा इजाफा हुआ है. बीएसएफ के जवान इन श्रद्धालुओं की सहूलियत का ख्याल रखना भी अपना फर्ज समझते हैं. नवरात्रि के दौरान विशेष इंतजाम किए जाते हैं, जिसमें भंडारे का आयोजन और चिकित्सा सुविधा शामिल है.

हाल ही में तनोट धाम में हर शाम रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत भी की गई है, जिसे देखने के लिए हजारों श्रद्धालु जुटते हैं. इस सेरेमनी से देश प्रेम की भावना जागृत होती है और बीएसएफ के जवानों के प्रति आदर की भावना पैदा होती है.

तनोट माता मंदिर में माँ भवानी का आशीर्वाद भक्तों को मिलता है. यह मंदिर भक्ति और शक्ति का अनूठा संगम है, जहाँ देवी माँ और मातृभूमि में आस्था रखने वाले समान भाव से शीश नवाते हैं. तनोट माता का यह धाम श्रद्धा और शौर्य की कहानियों में पगा ऐसा तीर्थस्थल है, जहाँ आकर भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए रुमाल बांधते हैं और मनोकामना पूरी होने पर आभार व्यक्त करते हैं.

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