Karwa Chauth 2025: शुक्रवार को है करवा चौथ, क्यों इस दिन सुहागिन महिलाएं छलनी से पहले देखती हैं चांद फिर पति का चेहरा, जानें आपके शहर में कब होगा चंद्रोदय? 

Karwa Chauth 2025 Moonrise Time: करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर 2025 को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और घर-परिवार में सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं. इस दिन छलनी से चांद देखने की परंपरा है. आइए जानते हैं करवा चौथ पर क्यों छलनी से चांद देखा जाता है और आपके शहर में कब चंद्रोदय होगा? 

Karwa Chauth
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

Karwa Chauth Vrat: कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और घर-परिवार में सुख-समृद्धि के लिए उपवास रखती हैं. करवा चौथ के दिन भगवान शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय, करवा माता और चंद्रमा की आराधना की जाती है. करवा चौथ के दिन छलनी से चांद देखने की परंपरा है. आइए जानते हैं करवा चौथ पर क्यों छलनी से चांद देखा जाता है और आपके शहर में कब चंद्रोदय होगा? 

छलनी से क्यों देखते हैं चांद 
करवा चौथे के दिन छलनी से चांद देखने की परंपरा है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि छलनी के बिना चांद और पति को देखकर व्रत खोलना अधूरा माना जाता है. कहा जाता है कि छलनी में बहुत सारे छोटे-छोटे छेद होते हैं. जब महिलाएं इसके माध्यम से चांद देखती हैं, तो छेदों के कारण कई छोटे-छोटे प्रतिबिंब बनते हैं, इसी के बाद यदि उसी छलनी से अपने पति का चेहरा देखा जाए तो मान्यता है कि पति की उम्र लंबी होती है. इसके चलते करवा चौथ व्रत में चांद और पति को छलनी के पीछे से देखना बेहद शुभ माना जाता है. करवा चौथ पर छलनी से चांद देखने की एक और धार्मिक कथा है. 

इस कथा के मुताबिक एक समय वीरवती नाम की पतिव्रता महिला ने करवा चौथ का निर्जल व्रत रखा. शाम होते-होते जब वह भूख-प्यास से व्याकुल होने लगी तो उसके भाइयों ने चंद्रोदय से पहले ही एक पेड़ की ओट में छलनी लगाकर उसके पीछे आग जला दी और बहन के पास जाकर बोले कि देखो चंद्रमा निकल आया है. अब तुम अर्घ्य देकर अपना व्रत पूरा कर सकती हो. इसके बाद वीरवती ने उस झूठे चांद को देखकर अपना व्रत खोल लिया. इसके कारण उसका व्रत खंडित हो गया और उस दोष के चलते उसके पति की मृत्यु हो गई, लेकिन वीरवती को अपने व्रत और तप पर पूरा विश्वास था, जिसके कारण उसने अपने मृत पति को सुरक्षित रखा और अगले साल ​एक ​बार फिर विधि-विधान से करवा चौथ व्रत को पूरा किया. ऐसी मान्यता है कि उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर चौथा माता ने उसके पति को दोबारा जीवित कर दिया. तब से लेकर आज तक करवा चौथ पर छलनी से चांद को देखने की परंपरा चली आ रही है. 

क्यों की जाती है चांद की पूजा 
पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार राजा दक्ष प्रजापति को चांद पर गुस्सा आ गया था. इसके बाद उन्होंने चांद को श्राप दिया था कि तुम कमजोर हो जाओगे और जो भी तुम्हें देखेगा, उसकी बदनामी होगी. इस श्राप से दुखी चांद रोते हुए भगवान शिव के पास पहुंचे और मदद मांगी. इसके बाद भोलेनाथ ने कहा कि जो भी व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को चांद का दर्शन करेगा, उसके सभी दोष दूर हो जाएंगे और सभी कलंक मिट जाएंगे.

करवा चौथ पर किस शहर में कब निकलेगा चांद
दिल्ली: रात्रि 08:13 बजे
मुंबई: रात्रि 08:55 बजे
कोलकाता: शाम 07:42 बजे
चेन्नई: रात्रि 08:38 बजे
देहरादून: रात्रि 08:05 बजे
चंडीगढ़: रात्रि 08:09 बजे
जयपुर: रात्रि 08:23 बजे
पटना: रात्रि 07:48 बजे
जम्मू: रात्रि 08:11 बजे
गांधीनगर: रात्रि 08:46 बजे
अहमदाबाद: रात्रि 08:47 बजे
शिमला: रात्रि 08:06 बजे
भोपाल: रात्रि 08:26 बजे
लखनऊ: रात्रि 08:02 बजे
कानपुर: रात्रि 08:06 बजे
गोरखपुर: शाम 07:52 बजे
नोएडा: रात्रि 08:12 बजे
गुरुग्राम: रात्रि 08:14 बजे
हरिद्वार: रात्रि 08:05 बजे
इंदौर: रात्रि 08:34 बजे
भुवनेश्वर: शाम 07:58 बजे
रायपुर: रात्रि 08:01 बजे
अजमेर: रात 8:21 बजे 
प्रयागराज: रात 9:15 बजे 
बेंगलुरु: रात 9:15 बजे 
वाराणसी: रात 9:15 बजे 
देहरादून: रात 9:15 बजे 
गाजियाबाद: रात 9:15 बजे 


 

Read more!

RECOMMENDED