Margashirsha Amavasya 2022: क्या है मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व... इस दिन पितरों को तृप्त करने से क्या होगा लाभ...बनने लगेंगे बिगड़े काम

मार्गशीर्ष अमावस्या पर आज सुबह से ही शोभन योग लगा हुआ है. अमावस्या तिथि को केतु ग्रह की जन्मतिथि मानते हैं इसलिए इस दिन केतु के लिए उपाय करके केतु की समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

Margashirsha Amavasya
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:24 AM IST
  • पितरों को अमावस्या का देवता माना गया है
  • काम में कभी अड़चनें नहीं आएंगी

आज मार्गशीर्ष अमावस्या है. मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाती है. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन स्नान, दान के साथ पितरों का तर्पण, श्राद्ध  करना लाभकारी होता है. शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास भगवान श्री कृष्ण के प्रिय महीने में से एक माना जाता है. इस महीने में बाल गोपाल की पूजा करने का शुभ फल प्राप्त होता है.

अमावस्या तिथि का महत्व
-अमावस्या को हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानते हैं 
-इस दिन सूर्य और चन्द्रमा एक साथ रहते हैं 
-इसलिए उनकी संयुक्त ऊर्जा का प्रभाव बना रहता है 
-आमतौर पर अमावस्या के दिन पितरों की उपासना की जाती है 
-क्योंकि इस तिथि के स्वामी "पितर" माने जाते हैं 
-इस दिन चन्द्रमा का अमृत जल और वनस्पतियों में प्रविष्ट हो जाता है 
-इसीलिए इस दिन सरोवरों में स्नान करना और औषधि का सेवन करना विशेष शुभ होता है 

अमावस्या की रात महीने की सबसे काली रात होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अध्यात्म और ज्योतिषी की नजर से अमावस्या एक ऐसी तिथि जिसका बड़ा ही महत्व है क्योंकि इस तिथि को खास पूजा अर्चना करने से परम फल की प्राप्ति होती है. अमावस्या तिथि को पितरों के तर्पण, अशुभ दोष निवारण आदि के लिए उत्तम माना जाता है. मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों का तर्पण करना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और प्रसन्न होकर अपने परिवार के सदस्यों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस दिन गंगा स्नान के बाद तर्पण जरूर करें। 

पितरों की होगी तृप्ति
पितरों को अमावस्या का देवता माना गया है.
पितरों की तृप्ति के लिए अमावस्या तिथि को विशेष उपाय करें.
अमावस्या तिथि को प्रेमपूर्वक ब्राह्मण को भोजन कराएं.
ब्राह्मण को भोजन कराने से पितर सदैव प्रसन्न रहेंगे.
इस उपाय से आपके काम में कभी अड़चनें नहीं आएंगी.
उस उपाय से धन की कभी कमी नहीं होगी.

मार्गशीर्ष पर क्या करें क्या नहीं?

- मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सात्विक रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करना अच्छा होता है.  
 - इस दिन किसी दूसरे के घर में भोजन करने से बचना चाहिए.
- किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए.
- सुबह उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और भगवान विष्णु का पूजन करें.  
- शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और न ही तेल की मालिश करें.  
- पीपल के वृक्ष का पूजन कर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए.
-नाख़ून नहीं काटने चाहिए. 
 

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