Paush Month 2025: 5 दिसंबर से 3 जनवरी तक रहेगा पौष माह, जानें इस दौरान कौन से कार्य करना होता है शुभ और किस काम की होती है मनाही

Paush Maas Mein Kya Karen aur Kya Nahi: हिंदू पंचांग के 10वें महीने पौष का शुभारंभ 5 दिसंबर से हो रहा है और इसका समापन 3 जनवरी 2026 को होगा. पौष में सूर्य देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं पौष माह में क्या करना शुभ होता है और क्या करना अशुभ?

Worship the Sun God in the Month of Paush (File Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

Paush Month: हिंदू पंचांग का 10वां महीना पौष है. इसे पूस का महीना भी कहा जाता है. धार्मिक दृष्टि से पौष माह को अत्यंत पवित्र माना जाता है. इस महीने को सूर्य देव से जुड़ा माना जाता है. ऐसे में पौष माह में सूर्य देव की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.

पौष माह में रामायण का पाठ, भागवत कथा और जप-तप करने से व्यक्ति को सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है. इस बार पौष माह का शुभारंभ 5 दिसंबर 2025 से हो रहा है और इसका समापन 3 जनवरी 2026 को होगा. पौष माह में कुछ कार्यों का करना शुभ होता है तो वहीं कुछ करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं पौष माह में क्या करें और क्या नहीं?

पौष माह में क्या करें और क्या नहीं?
1. विवाह और मुंडन जैसे धार्मिक कार्यः पौष माह में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करना अशुभ माना जाता है. यदि आप इन कार्यों को इस माह करते हैं तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.  

2. नए व्यवसाय की न करें शुरुआत: पौष माह में भूलकर भी नए व्यवसाय की शुरुआत न करें. यह महीना कहीं भी पैसा निवेश करने या किसी बड़े प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए शुभ नहीं माना जाता है. यदि आप इस महीने कोई नया व्यवसाय शुरू करते हैं तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. आपको कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. 

3. कभी न करें तेल की मालिश: पौष माह में तेल की मालिश नहीं करना चाहिए. यदि आप इस माह तेल से शरीर की मालिश करते हैं तो आपकी सेहत खराब हो सकती है. आपके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का संचाह हो सकता है. 

4. किसी पर न करें क्रोध: पौष माह में अपने क्रोध पर लगाम लगाना चाहिए. किसी के लिए भी अनुचित भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इस माह क्रोध करने या कठोर वाणी बोलने से रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है. 

5. सूर्य देव की करें आराधना: पौष माह में हर दिन सूर्य देव की आराधना करना चाहिए. सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए. 

6. सूर्य देव को ऐसे दें अर्घ्य: इस महीने तांबे के लोटे में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल फूल डालकर ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें.

7. सूर्य उपासना के महामंत्र: ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा, ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ, ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ घृणि सूर्याय नमः का जप करें.

8. तिल का करें दान:  पौष माह में तिल का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. आप तिल का दान करेंगे तो आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी. 

9. खान-पान रखें ध्यान: पौष माह में गुड़, अदरक, तिल आदि का सेवन करने से शरीर स्वस्थ्य रहता है. पौष मास में नमक का सेवन कम से कम करें. बहुत ज्यादा तेल या घी का इस्तेमाल नहीं करें. 

10. देवी-देवताओं को भोग करें अर्पित: पौष माह में नए अनाज का सेवन करने से पहले देवी-देवताओं को भोग जरूर लगाएं. ऐसा करने से अन्न का पूरा लाभ मिलता है. 

11. करें रोज आराधना: पौष माह में भगवान विष्णु और सूर्य देव की रोज पूजा-अर्चना करना चाहिए. ऐसा करने से आर्थिक स्थिति अच्छी होती है और स्वास्थ्य उत्तम रहता है. 

12. करें इन चीजों का दान: पौष मास में गुड़, तिल, गर्म कपड़े, कंबल आदि का जरूरतमंदों को दान करें.

13. तर्पण या पिंडदान: पौष माह में आप पितरों के लिए तर्पण या पिंडदान कर सकते हैं. 


 

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