Nidhi Saraswat: वजन ज्यादा होने पर क्या करना चाहिए? कथावाचक निधि सारस्वत का जवाब जानिए

उत्तर प्रदेश के पूर्व दिग्गज लीडर रहे रामवीर उपाध्याय के बेटे चिराग उपाध्याय से मशहूर कथावाचक निधि सारस्वत की शादी हो रही है. निधि सारस्वत ने एक वीडियो में बताया कि अगर वजन ज्यादा हो जाए तो क्या करना चाहिए? तन,मन और धन ज्यादा हो जाए तो क्या करना चाहिए.

Nidhi Saraswat (Photo/Instagram)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

मशहूर कथावाचक निधि सारस्वत की शादी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के बेटे चिराग उपाध्याय से हो रही है. निधि अपने कथावाचन के लिए देशभर में मशहूर हैं. शादी करने जा रही कथावाचक निधि सारस्वत का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वो बता रही हैं कि वेट ज्यादा होने पर क्या करना चाहिए? 

वजन ज्यादा बढ़ जाए तो क्या करना चाहिए?
कथावाचक निधि सारस्वत ने बतााया कि एक बार एक व्यक्ति ने पूछा कि वजन ज्यादा बढ़ जाए तो क्या करना चाहिए. तो इसका बड़ा सुंदर उत्तर है. उन्होंने बताया कि अगर तन का वजन बढ़ जाए तो व्यायाम करो, मन का बढ़े तो हरि नाम का जाप करो और अगर धन का बढ़े तो अधिक से अधिक दान करो.

ये जिंदगी ना मिलेगी दोबारा- निधि
कथावाचक ने एक वीडियो में बताया कि जीवन क्या चीज है? इस संसार में इस जगत में आप कुछ भी प्राप्त कर सकते हो. लेकिन सबकुछ देने के बाद भी इस जीवन को दोबारा प्राप्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि जीवन बहुत कीमती है. इसको प्यार करो, इसका सम्मान करो, ये शरीर भगवान ने बड़ी कृपा करके आपको दिया है. इसको ऐसे व्यर्थ मत जाने देना. ऐसे डिप्रेशन में नहीं जाना है. निधि ने बताया कि तुम नर हो, न निराश करो मन को, कुछ काम करो, कुछ काम करो, जग में रहकर कुछ नाम करो, कुछ नाम करो. 

अच्छे जीवन के लिए शाकाहारी बनो- निधि
कथावाचक निधि सारस्वत ने एक वीडियो में बताया कि ज्यादातर कैंसर मांसाहारियों को होता है. ज्यादातर बीमारियां मांसाहारियों को होती है. स्वास्थ्य के दृष्टि से भी मांसाहार अच्छा नहीं है. आध्यात्मिक दृष्टि से तो बहुत बड़ा पाप है.

मन की सफाई करो- निधि
निधि सारस्वत ने कहा कि इस शरीर से साफ रखने के लिए हम स्नान करते हैं, वैसे ही अगर मन को स्वच्छ और पवित्र रखना है तो भगवान की कथा सुननी पड़ेगी. अगर कथा नहीं सुनोगे तो मन अपवित्र हो जाएगा. इसमें दुर्गंध आना शुरू हो जाएगी. अहंकार, द्वेष, ईर्ष्या की दुर्गंध आने लगेगी. इसलिए जैसे शरीर की सफाई करना आवश्यक है, वैसे ही मन की सफाई भी जरूरी है और इसकी सफाई भागवत कथा के पंडाल में बैठकर कथा सुनने से होगी.

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