सिर्फ रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है इस मंदिर का कपाट, जानिए इसके पीछे की दिलचस्प वजह

इस मंदिर के पुजारी राजपूत हैं, जो हर साल रक्षाबंधन पर विशेष पूजा का आयोजन करते हैं. मंदिर के पास एक गुफा भी है, भक्त इसी गुफा में प्रसाद चढ़ाते हैं.

doors open only on the day of Raksha Bandhan
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST

हमारे देश भारत में लाखों-करोड़ों मंदिर हैं और अनेकों देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. इन मंदिरों और देवी-देवताओं की अलग-अलग कहानी है. भारत के प्राचीन इतिहास में कई ऐसी रोचक बातें छिपी हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे. ऐसे ही रोचक तथ्यों से घिरा है उत्तराखंड का एक मंदिर जिसके बारे में कहा जाता है कि इस जगह के कपाट रक्षाबंधन के दिन ही खुलते हैं. आईए आपको बताते हैं इस मंदिर के इतिहास के बारे में. 

कहां है यह अनोखा मंदिर

उत्तराखंड के चमोली जिले की उरगाम घाटी पर मौजूद इस मंदिर का नाम बंशीनारायण/वंशीनारायण है. इस मंदिर में जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ती है जो इसे और काफी मजेदार बनाता है. इसकी दूसरी खासियत इस मंदिर के घनी घाटियों के बीच मौजूद होना है.  

रक्षाबंधन के दिन ही कपाट खुलते हैं 

कहा जाता है कि इस मंदिर के कपाट साल में एक बार केवल एक दिन यानी रक्षाबंधन के दिन ही खोले जाते हैं. रीति-रिवाजों के अनुसार यहां की महिलाएं और लड़कियां अपने भाईयों को राखी बांधने से पहले भगवान की पूजा करती हैं. कहा जाता है कि यहां भगवान कृष्ण और शिव की मूर्तियां स्थापित हैं. इस मंदिर से जुड़ी एक प्राचीन कथा है कि,पहली बार भगवान विष्णु यहीं से प्रकट हुए थे. तभी से यहां भगवान नारायण की पूजा की जाती है. इसी वजह से यहां के लोगों को सिर्फ एक दिन की पूजा करने का अधिकार मिला है. 

मंदिर से जुड़ी अन्य रोचक बातें 

इस मंदिर में श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित है और इस मंदिर की ऊंचाई अंदर से मात्र 10 फीट है. यहां के पुजारी राजपूत हैं, जो हर साल रक्षाबंधन पर विशेष पूजा का आयोजन करते हैं. मंदिर के पास एक गुफा भी है, इसी गुफा में भक्त प्रसाद चढ़ाते हैं. कहते हैं इस दिन हर घर से मक्खन आता है और इसे प्रसाद में मिलाकर भगवान को अर्पित किया जाता है. 

बंसी नारायण मंदिर क्या खास बनाता है?

मंदिर में भगवान नारायण और भगवान शिव दोनों की मूर्तियां मौजूद हैं. साथ ही, भगवान गणेश और वन देवी की मूर्तियां मंदिर की शोभा बढ़ाती हैं.  

बंसी नारायण मंदिर कैसे पहुंचे?

  • उत्तराखंड के चमोली जिले में उर्गम घाटी में स्थित बंसी नारायण मंदिर तक केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है. 
  • सबसे पहले आपको जोशीमठ जाना होगा जो देहरादून से लगभग 293 किमी दूर है. 
  • उसके बाद जोशीमठ से हेलंग की तरफ जाना होगा जो 22 किमी दूर है, उसके बाद देवग्राम की तरफ हेलंग से 15 किमी दूर जाना होता है. 

बता दें कि बंसी नारायण मंदिर का ट्रेक लगभग 12 से 15 किमी लंबा है और ये देवग्राम से शुरू होता है . 

 

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