Putrada Ekadashi 2025: 5 अगस्त को रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी व्रत, इस दिन संतान सुख और उन्नति के लिए करें ये महाउपाय

Putrada Ekadashi 2025 Shubh Muhurt: पुत्रदा एकादशी पर भगवान श्री कृष्ण की उपासना से संतान से जुड़ी हर समस्या का निवारण संभव है. पुत्रदा एकादशी का व्रत मोक्ष की कामना के लिए भी किया जाता है. आइए इस व्रत का महत्व जानते हैं.

Putrada Ekadashi 2025
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में एक विशेष तिथि है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से संतान सुख और जीवन की समस्याओं का समाधान संभव है. इस दिन व्रत और उपासना करने से भगवान वासुदेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को संतान से जुड़ी समस्याओं का निवारण प्रदान करते हैं. वैदिक पंचांग के मुताबिक सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 4 अगस्त को सुबह 11:41 बजे हो रही है और इसका समापन 5 अगस्त को दोपहर 1:12 बजे होगा. ऐसे में पुत्रदा एकादशी व्रत 5 अगस्त 2025 को रखा जाएगा. 

दो प्रकार से रखा जाता है पुत्रदा एकादशी का व्रत 
पुत्रदा एकादशी का व्रत दो प्रकार से रखा जाता है पहला निर्जल और दूसरा फलाहारी. निर्जल व्रत केवल स्वस्थ व्यक्तियों को रखना चाहिए, जबकि सामान्य लोगों के लिए फलाहारी या जलीय व्रत उपयुक्त है. व्रत के दौरान केवल जल और फल का सेवन करने की सलाह दी जाती है. साथ ही घर में सात्विकता बनाए रखना, तामसिक भोजन से परहेज करना और झूठ बोलने से बचना आवश्यक है. इस व्रत में विशेष रूप से सावधानियों में चुगली, निंदा, मांसाहार और शराब से बचना चाहिए.

विशेष मंत्र और व्रत की विधि
पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए. साथ ही 'संतान गोपाल मंत्र' का उच्चारण भी अत्यंत फलदायी माना गया है. इस मंत्र का जाप करते हुए पूरे दिन भगवान का स्मरण करें और रात्रि में भजन करें. व्रत के अगले दिन ब्राह्मण को भोजन कराना और दान देना व्रत को और भी फलदायी बनाता है.

श्रीकृष्ण की उपासना और ज्योतिषीय उपाय
संतान प्राप्ति के लिए पति-पत्नी को संयुक्त रूप से श्रीकृष्ण की उपासना करनी चाहिए. उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करना चाहिए. संतान गोपाल मंत्र का जाप करना और प्रसाद ग्रहण करना भी शुभ माना गया है. इसके अलावा, चंद्रमा का दर्शन और चांदी की कटोरी में खीर अर्पित करने से चंद्र दोष का निवारण होता है. भगवान श्री हरी विष्णु को खीर अर्पित करने से चंद्र दोष की मुक्ति मिलती है.

संतान सुख और मोक्ष की प्राप्ति
पुत्रदा एकादशी का व्रत न केवल संतान प्राप्ति के लिए बल्कि उनकी उन्नति और ऐश्वर्य के लिए भी महत्वपूर्ण है. जिनकी पहले से संतान है, उनके लिए यह व्रत संकटों को दूर करता है. पुत्रदा एकादशी का व्रत घर में सुख-समृद्धि लाता है. यह व्रत मोक्ष प्राप्ति के लिए भी शुभ माना गया है.

चंद्रमा का महत्व और विशेष उपाय
पुत्रदा एकादशी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना भी शुभ माना गया है. चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए चांदी की कटोरी में खीर बनाकर भगवान श्रीहरि विष्णु को अर्पित करने का विधान है. खीर में मखाने, मेवा और बादाम का उपयोग करना चाहिए. यह उपाय न केवल चंद्र दोष को समाप्त करता है, बल्कि संतान सुख और घर में समृद्धि भी लाता है.

पुत्रदा एकादशी के दिन राशि अनुसार दान का महत्व
1. मेष राशि: गेहूं का दान करें, इससे कुंडली में मंगल मजबूत होगा.
2. वृषभ राशि: चावल का दान करें, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी.
3. मिथुन राशि: साबुत मूंग दाल का दान करें, व्यापार में तरक्की होगी.
4. कर्क राशि: दूध का दान करें, चंद्रमा मजबूत होगा.
5. सिंह राशि: शहद और गुड़ का दान करें, करियर को नया आयाम मिलेगा.
6. कन्या राशि: गन्ने का रस राहगीरों को पिलाएं, धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी.
7. तुला राशि: चीनी और नमक का दान करें, शुक्र मजबूत होगा.
8. वृश्चिक राशि: लाल रंग के वस्त्र का दान करें, मंगल दोष दूर होगा.
9. धनु राशि: चने की दाल का दान करें, बृहस्पति मजबूत होगा.
10. मकर राशि: काले तिल और साबुत उड़द का दान करें, शनि दोष का प्रभाव कम होगा.
11. कुंभ राशि: चमड़े के जूते, चप्पल और कंबल का दान करें, शनि मजबूत होगा.
12. मीन राशि: पीले रंग के वस्त्र का दान करें, धन की समस्या दूर होगी.

 

Read more!

RECOMMENDED