Barsana Radha Ashtami 2025: बरसाना में राधाष्टमी का भव्य उत्सव, राधा रानी के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

पूरे देश में आज धूमधाम से राधाष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. मथुरा और बरसाना में राधाष्टमी पर आस्था और भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. बड़ी संख्या में श्रद्धालु बरसाना पहुंचे. राधाष्टमी को राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. राधाष्टमी पर बरसाना जयकारों से गूंजा.

Radha Ashtami 2025 (Photo Credit: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:05 PM IST
  • देश भर में राधाष्टमी की धूम
  • जन्मोत्सव पर बरसाना में श्रद्धालुओं का सैलाब

बरसाना में राधाष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय राधा रानी की जन्म स्थली इस समय उत्सव के रंग में रंगी हुई है. राधाष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है. तड़के सुबह से ही बरसाना में भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई. राधा रानी के जन्मोत्सव को लेकर पूरे ब्रजभूमि में भक्ति और उल्लास का माहौल है.

राधा रानी के जन्मोत्सव की शुरुआत अधरानी की आरती से हुई. इसके बाद राधा रानी को चांदी की चौकी पर विराजमान कर उनका पंचामृत अभिषेक किया गया. इस दिव्य और भव्य आयोजन ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया. राधाष्टमी पर बरसाना का अलग ही रंग देखने को मिला. पूरा बरसाना राधा रानी के जयकारों से गूंज गया. राधाष्टमी पर बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचे.

जयकारों से गूंजा बरसाना

बरसाना में अभिषेक के बाद बधाई उत्सव शुरू हुआ. इस उत्सव में श्रद्धालु राधा रानी के जन्मोत्सव के गीतों पर नाच-गाकर अपनी भक्ति प्रकट कर रहे थे. महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर नृत्य कर रही थीं. इसको लेकर एक भक्त ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे हम स्वर्ग में खड़े हैं. यहां आकर मन को अद्भुत शांति और आनंद मिल रहा है. एक दूसरे भक्त ने कहा, यहां आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है. ऐसा लग रहा है कि राधा जी के साथ-साथ हम भी आनंदित हो रहे हैं.

राधाष्टमी का पर्व ब्रजभूमि में आस्था का चरम माना जाता है. भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय राधा रानी के जन्मदिन पर भक्तों की श्रद्धा और भक्ति अपने चरम पर होती है. मथुरा और बरसाना में इस दिन का विशेष महत्व है. भक्तों ने कहा, यह दिन हमारे लिए बहुत खास है. यहां आकर हमें राधा रानी की कृपा का अनुभव होता है.

राधाष्टमी का पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह दिन भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी के दिव्य प्रेम की याद दिलाता है. बरसाना में इस उत्सव का आयोजन हर साल बड़े ही भव्य तरीके से किया जाता है, जो देश-विदेश से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. बरसाना में राधाष्टमी का उत्सव इस बार भी भक्तों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुआ. श्रद्धालुओं ने भक्ति, उल्लास और प्रेम के साथ राधा रानी के जन्मोत्सव को मनाया.

राधाष्टमी की धूम

क्यों मनाई जाती है राधाष्टमी?

  • राधाष्टमी हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन श्रीकृष्ण की प्राणप्रिय संगिनी राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.
  • मान्यता है कि राधा रानी का जन्म वृषभानु और कीर्ति के घर हुआ था. उनके जन्म को दिव्य और अलौकिक माना जाता है. इसलिए इस दिन राधा जी के जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है.
  • राधा रानी को श्रीकृष्ण की सबसे बड़ी भक्त और अनन्य प्रेमिका माना गया है. उनकी भक्ति आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है.
  • राधा जी को भक्ति मार्ग की आधारशिला माना जाता है. उनकी आराधना करने से भक्ति, प्रेम, और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.
  • राधाष्टमी पर श्रीकृष्ण और राधा की झांकियां सजाई जाती हैं, भजन-कीर्तन होते हैं और व्रत रखकर भक्त राधा-कृष्ण की पूजा करते हैं.
  • राधाष्टमी के दिन व्रत रखकर और राधा-कृष्ण की पूजा करने से दाम्पत्य सुख, प्रेम और भक्ति मिलती है. राधाष्टमी मनाने की बड़ी वजह राधा रानी के जन्म का उत्सव मनाना है.

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