Kanya Poojan 2025 Shubh Muhurat: शारदीय नवरात्रि की महाष्टमी और नवमी कब... क्या है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त... इस विधि से करें पूजा... मां दुर्गा हर मनोकामना करेंगी पूरी

Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि में महाष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन का विधान है. इस दिन 9 कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है. आइए जानते हैं कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि?

Kanya Pujan (File Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:25 PM IST
  • 30 सितंबर 2025 को है महाष्टमी
  • 1 अक्टूबर 2025 को है नवमी 

Navratri 2025: नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से मनाई जा रही है और इसका समापन 1 अक्टूबर 2025 को होगा. नवरात्रि में महाष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व है.

महाअष्टमी को मां महागौरी और नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. नवरात्रि के महाष्टमी और नवमी को कन्या पूजन का भी विधान है. इस दिन 9 कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर पूजा जाता है. महाष्टमी और नवमी को कन्या पूजन करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है. यह विशेष दिन देवी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली लाता है. 

कब है महाष्टमी 
महाष्टमी को दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार इस वर्ष आश्विन मास की अष्टमी तिथि का शुभारंभ 29 सितंबर को शाम 4:31 बजे से हो रहा है और इसका समापन अगले दिन 30 सितंबर को शाम 6:06 बजे होगा. उदयातिथि के अनुसार महाष्टमी 30 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी.

महाष्टमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
1.
कन्या पूजन के लिए 30 सितंबर को पहला शुभ मुहूर्त सुबह 5:01 बजे से लेकर सुबह 6:13 बजे तक रहेगा. 
2. कन्या पूजन के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.
3. आप अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट के बीच भी कन्या पूजन कर सकते हैं.

कब है नवमी 
नवमी तिथि का शुभारंभ 30 सितंबर को शाम में होगा और इसका समापन अगले दिन 1 अक्टूबर 2025 को शाम में 7 बजकर 2 मिनट पर होगा. ऐसे में नवमी तिथि का पूजन 1 अक्टूबर को किया जाएगा. 

महानवमी पर कन्या पूजन का मुहूर्त
1. 1 अक्टूबर को नवमी पर कन्या पूजन का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 1 मिनट से सुबह 6 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. 
2. कन्या पूजन के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त दोपहर को 2 बजकर 9 मिनट से लेकर 2 बजकर 57 मिनट तक रहेगा.

कन्या पूजन की विधि
1. कन्या पूजन के एक दिन पहले सभी कन्याओं को घर आने के लिए आमंत्रित करें.
2. कन्या पूजन के दिन नौ से अधिक कन्याओं को आमंत्रित करना शुभ होता है. एक छोटे बालक को भी बुलाएं, जिसे भैरव का स्वरूप माना जाता है.
3. कन्या पूजन के लिए हलवा और पूड़ी का प्रसाद तैयार करें.
4. कन्याएं और बटुक (छोटे लड़के) घर आ जाएं, तो उनका जल से पैरे धोएं और उनके चरण स्पर्श करें.
5. उसके बाद माथे पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाएं.
6. फिर उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाएं. इसके बाद कन्याओं और लड़कों की कलाइयों पर मौली बांधें.
7. इसके बाद फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं.
8. अंत में उन्हें गिफ्ट्स दें. उनके पैर छुएं और उन्हें उनके घर भेजने जाएं.

 

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