Shardiya Navratri 2025: देश भर में नवरात्रि की धूम! विदर्भ के इन मंदिरों में उत्सव की तैयारी शुरू, देवी के चांदी–सोने के आभूषणों को दी जा रही नई चमक

पूरे देश में शारदीय नवरात्रि की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर को शुरू हो रही है. विदर्भ के मंदिरों में नवरत्रि को लेकर खास तैयारी की जा रही है. कारीगर देवी मां के आभूषणों को चमका रहे हैं. विदर्भ समेत पूरे महाराष्ट्र में मां दुर्गा का ये त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है.

शारदीय नवरात्रि 2025 (Photo Credit: Getty)
gnttv.com
  • मुंबई,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST
  • 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू
  • जोर-शोर से नवरात्रि की तैयारी
  • मूर्तिकार प्रतिमाओं को दे रहे अंतिम रूप

पूरे देश में नवरात्रि की तैयारी चल रही है. मूर्तिकार मां दुर्गा की मूर्तियों को अंतिम आकार देने में जुटे हुए हैं. इस बार नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है. अमरावती ज़िले और विदर्भ की आस्था का केंद्र माने जाने वाले श्री अंबा देवी और श्री एकविरा माता मंदिर में आगामी शारदीय नवरात्रि को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. मंदिर प्रांगण में सजावट और धार्मिक परंपराओं का कार्य शुरू हो चुका है. विशेष रूप से एकविरा माता मंदिर में देवी के चांदी और सोने के आभूषणों को नई चमक देने की सेवा सुवर्णकार समाज के कारीगरों द्वारा की जा रही है.

कैसी है तैयारी?

यह सेवा पिछले 60 सालों से सुवर्णकार समाज की ओर से परंपरागत रूप से किया जाता आ रहा है. रविवार को अष्टमी पर्व के अवसर पर सुबह 10 बजे से सुवर्णकार बंधु मंदिर पहुंचे और देवी के आभूषणों व चांदी के बर्तनों की सफाई शुरू की. इस दौरान मंदिर संस्था के विश्वस्त और पुजारियों की मौजूदगी में देवी की आभूषणों व पूजा सामग्री को सभा भवन में लाकर सूचीबद्ध किया गया. इसके बाद कारीगरों को सौंपा गया.

सभी आभूषणों और चांदी के बर्तनों को पहले सोडा और एसिड मिश्रित गुनगुने पानी में डुबोया गया, फिर ब्रश से साफ किया गया. इसके बाद उन्हें स्वच्छ पानी से धोकर मुलायम कपड़े से पोंछा गया. सफाई के दौरान आभूषणों की फायर टेस्ट से शुद्धता की भी जांच की गई. इस सेवा में देवी की उत्सव मूर्ति, पादुका, गदा, तलवार, चौकी, नक्काशीदार थाल, दीपक, धूप पात्र, पालना, कलश, समई, झूमर, गले के दागिने और चांदी के अन्य दर्जनों आभूषण व पूजा सामग्री को चमकाया गया.

भक्तिमय माहौल

पूरे दिन मंदिर प्रांगण में भक्तों की भीड़ उमड़ी रही. सुवर्णकार समाज के लोग पूरी निष्ठा और आस्था के साथ सेवा में जुटे रहे. कोई फायर टेस्ट करता दिखा तो कोई चांदी के आभूषणों को गुनगुने पानी में डुबो रहा था, वहीं कुछ लोग ब्रश से उन्हें चमका रहे थे. भक्तों का कहना है कि देवी का दरबार अब पहले से कहीं अधिक दिव्य और आलोकित दिखाई दे रहा है. शारदीय नवरात्र की भव्य शुरुआत से पहले देवी की आभा और मंदिर की रौनक भक्तों के आकर्षण का केंद्र बन चुकी है.

क्यों मनाई जाती है नवरात्रि?

  • हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत विशेष महत्व है. यह साल में दो बार आती है. चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्रि.
  • नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होते हैं. यह समय भक्ति, साधना और शक्ति उपासना का होता है.
  • नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मकता आती है.
  • नवरात्रि का अर्थ है नौ रातें. इन नौ रातों और दस दिनों तक शक्ति की आराधना की जाती है. नवरात्रि का संबंध सत्य की असत्य पर विजय और धर्म की अधर्म पर जीत से है. यह समय मंत्र-जाप, ध्यान और तपस्या के लिए अत्यंत शुभ होता है.

(अमरावती से धनंजय साबले की रिपोर्ट)

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