Navratri 2025: नवरात्रि में किस दिन मां दुर्गा को किस चीज का लगाएं भोग... यहां जानिए... माता रानी हो जाएंगी शीघ्र प्रसन्न... बरसेगी आप पर कृपा

Shardiya Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है, जो 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगी. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी. आइए जानते हैं किस दिन किस देवी को कोन सा भोग लगाने से मनोकामना शीघ्र पूरी होती है. 

Navratri 2025
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:12 AM IST
  • 22 सितंबर से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि
  • पहले दिन मां शैलपुत्री की होगी पूजा

Maa Durga: हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का विशेष महत्व है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर रहती हैं. इस दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से आराधना करने से भक्त पर विशेष कृपा बरसती है. आइए जानते हैं किस दिन किस देवी को कोन सा भोग लगाने से मनोकामना शीघ्र पूरी होती है. 

नवरात्रि में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा, तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा, चौथे दिन कूष्माण्डा की पूजा, पांचवें दिन स्कन्दमाता की पूजा, छठवें दिन कात्यायनी की पूजा, सातवें दिन कालरात्रि की पूजा, आठवें दिन महागौरी की पूजा और नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

22 सितंबर से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि 
इस साल शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर दिन सोमवार से शुरू हो रही है, जो 1 अक्टूबर 2025 तक चलेगी. इसके बाद 2 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा. इस साल शारदीय नवरात्रि पर उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और हस्त नक्षत्र योग का संयोग बन रहा है. यह एक शुभ संयोग माना जाता है. इससे पूजा का विशेष फल मिलेगा. नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर पृथ्वी पर आती है. इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. हाथी की सवारी अत्यंत शुभ और मंगलकारी मानी जाती है.

1. मां शैलपुत्री 
पहाड़ों की पुत्री, नवदुर्गाओं में प्रथम दुर्गा. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है. यदि आप माता शैलपुत्री से मनचाहा वरदान पाना चाहते हैं तो आपको इस दिन उन्हें भोग में विशेष रूप से घी अर्पित करना चाहिए.

2. मां ब्रह्मचारिणी 
मां दुर्गा का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी, जिन्हें ब्राह्मी भी कहते हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन इसी रूप की आराधना की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना करने से दीर्घायु प्राप्त होती है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री या फिर चीनी का भोग लगाना चाहिए. इससे माता ब्रह्मचारिणी शीघ्र ही प्रसन्न होकर सभी कामनाएं पूरा करती हैं. 

3. मां चंद्रघंटा
मां दुर्गा का तीसरा रूप चंद्रघंटा है. नवरात्रि के तीसरे दिन इसी रूप की पूजा होती है. इस दिन मां चंद्रघंटा को दूध से बनी चीजें जैसे खीर आदि अर्पित करनी चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा भोग लगाने से मां चंद्रघंटा भक्त को सभी दुखों से छुटकारा दिलाती हैं. 

4. मां कुष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन यदि देवी को प्रिय लगने वाले मालपुआ का भोग लगाया जाए तो मां की शीघ्र कृपा प्राप्त होती है. मां कुष्मांडा अपने भक्त को बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद देती हैं. 

5. मां स्कंदमाता 
देवी दुर्गा का पांचवां रूप स्कंदमाता है. इस रूप की पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन की जाती है. यदि आप मां स्कंदमाता को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप उन्हें केले का भोग लगाइए. 

6. मां कात्यायनी
मां दुर्गा का छठा रूप कात्यायनी है, जिन्हें मोइया भी कहते हैं. नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. इस दिन मां कात्यायनी को विशेष रूप से शहद का भोग लगाना चाहिए. इससे वैभव और मान-सम्मान बढ़ता है. 

7. मां कालरात्रि
नवरात्रि के सातंवे दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. इस दिन मां कालरात्रि को गुड़ से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से मां कालरात्रि अपने भक्त के सभी कष्ट को हर लेती हैं और अभय प्रदान करती हैं. 

8. मां महागौरी 
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की आराधना की जाती है. इस दिन देवी महागौरी की पूजा में नारियल या फिर नारियल से बनी चीजों को भोग के रूप में चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से माता रानी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और अपने भक्त को सुख-सौभाग्य का वरदान देती हैं.  

9. मां सिद्धिदात्री 
मां दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है, जो सभी इच्छाओं को पूर्ण करती हैं और सभी सिद्धियों का मूल मानी जाती हैं. नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मान्यता है कि यदि नवरात्रि के नौवें दिन देवी सिद्धिदात्री को हलवा-पूरी और चने का भोग लगाया जाए तो पूरे साल भक्त के कार्य सफल और सिद्ध होते हैं. 


 

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