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Jagannath Temple: रत्न भंडार में शिफ्ट किए जाएंगे जगन्नाथ मंदिर के बेशकीमती हीरे-जवाहरात, 4 दशक बाद खोला गया था खजाना

ओडिशा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में 12वीं शताब्दी के बेशकीमती हीरे-जवाहरात और आभूषणों को 23 सितंबर को मूल रत्न भंडार में शिफ्ट किया जाएगा. आपको बता दें कि जुलाई 2024 में मरम्मत के लिए मंदिर के रत्न भंडार खोला गया था. अब मरम्मत का काम पूरा हो गया है.

Jagannath Temple Jagannath Temple

दुनिया में फेमस पुरी के जगन्नाथ मंदिर में एक ऐतिहासिक काम होने वाला है. 12वीं शताब्दी के हीरे-जवाहरात और बेशकीमती आभूषणों को मंदिर के मूल रत्न भंडार में शिफ्ट किया जाएगा. ये ऐतिहासिक काम 23 सितंबर को किया जाएगा. 

4 दशक बाद खोला गया था खजाना-
पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की बहुमूल्य आभूषणों और संपत्ति को 23 सितंबर 2025 को वापस रखा जाएगा. मंदिर प्रशासन ने इसका ऐलान किया है कि 12वीं शताब्दी के बेशकीमती हीरे-जवाहरात और आभूषण 23 सितंबर को वापस मंदिर के मूल रत्न भंडार में शिफ्ट किए जाएंगे. मंदिर प्रशासन ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने रत्न भंडार की मरम्मत का काम पूरा कर लिया है. आपको बता दें कि 4 दशक बाद मरम्मत के लिए रत्न भंडार को खोला गया था.

जुलाई में स्ट्रॉन्ग रूम में किया गया था शिफ्ट-
जुलाई 2024 में जब रत्न भंडार को करीब 40 सालो बाद मरम्मत के लिए खोला गया, तब भगवान की अमूल्य वस्तुओं को अस्थायी रूप से मंदिर परिसर के भीतर एक मजबूत कमरे में सुरक्षित रखा गया था. इन्हें लोहे के संदूकों और अलमारियों में रखा गया था. अब मरम्मत कार्य पूर्ण होने के बाद, इन कीमती सामानों को फिर से मूल रत्न भंडार में सुरक्षित रूप से रखा जाएगा.

शुभ मुहूर्त में होगी वापसी-
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाधी ने बताया कि यह प्रक्रिया 23 सितंबर को सुबह 7:17 बजे से 11:17 बजे के बीच पूरी की जाएगी. उन्होंने बताया कि अगर इस दिन प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, तो 24 सितंबर को इसे जारी रखा जाएगा. इस दौरान मंदिर की दैनिक पूजा विधि प्रभावित नहीं होगी, लेकिन आम श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था में बदलाव होगा.

मजिस्ट्रेट की निगरानी में शिफ्टिंग-
रत्न भंडार में आभूषणों और दूसरे कीमती सामानों की शिफ्टिंग के समय एक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी, ताकि पूरी प्रक्रिया शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से पूरी की जा सके. सभी सामानों को मूल रत्न भंडार में रखने के बाद रत्न भंडार के कक्षों को विशेष रूप से सील कर दिया जाएगा. इसकी चाबी पुरी जिला कोषागार में जमा कर दी जाएगी.

भगवान की संपत्तियों की लिस्ट श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा तैयार की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता गजपति महाराज दिव्यसिंह देव करेंगे, जो पुरी के प्रतीकात्मक राजा भी हैं.

दान पात्र को हटाने की तैयारी-
उधर, राज्य के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ‘नाट मंडप’ में स्थित ‘हुण्डी’ को दूसरी जगह शिफ्ट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इससे श्रद्धालुओं को बेहतर दर्शन की सुविधा मिलेगी. नई व्यवस्था में कतारबद्ध दर्शन को लागू करने में आसानी होगी. इस संबंध में अंतिम निर्णय मंदिर प्रशासन और जिला कलेक्टर से विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा.

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