Pradosh Vrat 2025: 9 या 10 मई, कब है वैशाख माह का अंतिम प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

May First Pradosh Vrat 2025 Date: प्रदोष व्रत के दिन भोलेनाथ संग माता पार्वती की आराधना करने से भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन रुद्राभिषेक करने से सभी पापों का नाश होता है. आइए जानते हैं वैशाख माह का अंतिम प्रदोष व्रत कब है और किस विधि करें शिव जी की पूजा?

Lord Shankar (Photo: PTI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST
  • गोधूलि बेला में की जाती है प्रदोष व्रत की पूजा
  • भगावन सूर्य को अर्घ्य देकर लें व्रत का संकल्प 

Shukra Pradosh Vrat Date: हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है. शास्त्रों में प्रदोष व्रत का खास महत्व बताया गया है. प्रदोष व्रत हर माह में दो बार पहला कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष को रखा जाता है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ संग माता पार्वती की आराधना करने से भक्त के जीवन में सुख-समृद्धि आती है. हर कार्य में सफलता मिलती है.  

कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत 
इस बार जो प्रदोष व्रत आने वाला है वह मई महीने का पहला और हिंदी माह वैशाख का अतिंम प्रदोष व्रत है. पंचांग के मुताबिक वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई को दोपहर 2:56 बजे शुरू होकर 10 मई को शाम 5:29 बजे तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार मई का पहला प्रदोष व्रत 10 मई को रखा जाना चाहिए, लेकिन प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल यानी गोधूलि बेला में होती है.

ऐसे में प्रदोष व्रत 9 मई दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. इस बार प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है. शुक्रवार के दिन पड़ने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यताएं है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से भक्त के जीवन में खुशहाली आती है. शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है.

प्रदोष व्रत की पूजा विधि
1. प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. फिर साफ-सुथरे कपड़े धारण करें. 
2. इसके बाद भगावन सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें. 
3. फिर पूजा स्थल की सफाई करके भगवान शिव को पंचामृत से अभिषेक करें. 
4. इसे बाद पूरे शिव परिवार का पूजन करें. 
5. भोलेनाथ को जल और बेल पत्र अर्पित करें.
6. भोलेनाथ को सफेद वस्तु का भोग लगाएं.
7. शिव मंत्र 'ओम नमः शिवाय' का जाप करें.
8. रात्रि के समय भी शिवजी के समक्ष घी का दीपक जलाकर शिव मंत्र जप करें.
9. रात्रि के समय आठ दिशाओं में आठ दीपक जलाएं.
10. प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें.

प्रदोष व्रत के दिन करें ये काम 
1. प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक करें. इससे पापों का नाश होता है और इच्छाएं पूरी होती हैं.
2. शाम के समय पूजा स्थल और मुख्य प्रवेश द्वार पर दीपक जलाएं. इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सकारात्मकत ऊर्जा का संचार होता है.
3. इस दिन शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें.इससे मानसिक शांति मिलती है और रोगों से बचाव होता है.
4. इस दिन गौ माता की सेवा करें.इससे पितृ दोष और गृह दोष का निवारण होता है.
5. प्रदोष व्रत के दिन दान-पुण्य करने से जीवन में खुशहाली आती है.


 

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