पढ़कर ही नहीं बल्कि सुनकर भी ले सकते हैं डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता का ज्ञान, हिंदू-मुस्लिम भाई साथ में बैठकर सुनते हैं श्लोक

डिजिटल गीता के प्रत्येक पेज पर सेंसर लगा है. एक पेन की तरह दिखने वाले मल्टीमीडिया प्रिंट रीडर को जिस चित्र पर रखेंगे वह बजने लगता है. उसके बारे में जानकारी देता है. संस्कृत के श्लोक को भावार्थ के साथ बताता है. 

श्रीमद्भागवत गीता
gnttv.com
  • प्रयागराज ,
  • 11 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:39 PM IST
  • हर पन्ने पर लगा है सेंसर
  • पहले पुस्तक को खरीदा था घर के लिए 

श्रीमद्भागवत गीता हिंदुओं का पवित्र धार्मिक ग्रंथ है. महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिया था, गीता के 18 अध्यायों में वह संकलित है. श्रीमद्भागवत गीता को पढ़ने और उससे ज्ञानार्जन करने वाले देश और दुनिया के कोने कोने में मिल जाएंगे. लेकिन समय के साथ ही अब श्रीमद्भागवत गीता और हनुमान चालीसा का भी स्वरूप बदल रहा है. धर्म और अध्यात्म की यह पुस्तक अब डिजिटल फॉर्म में सामने आ गई है. यानी अध्यात्म और तकनीक के जरिए अब डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता तैयार की गई है. जिसे आप पढ़ने के साथ ही सुन भी सकते हैं. इसके साथ ही श्लोकों का अनुवाद भी सुनकर समझ सकते हैं. इस डिजिटल वर्जन में हनुमान चालीसा भी है. 

हर पन्ने पर लगा है सेंसर

हालांकि, बहुत से लोगों को इस डिजिटल पुस्तक को देखकर आश्चर्य होगा. लेकिन यह बात सच है कि डिजिटल गीता के प्रत्येक पेज पर सेंसर लगा है. एक पेन की तरह दिखने वाले मल्टीमीडिया प्रिंट रीडर को जिस चित्र पर रखेंगे वह बजने लगता है. उसके बारे में जानकारी देता है. संस्कृत के श्लोक को भावार्थ के साथ बताता है. 

बता दें, इस डिजिटल श्रीमद्भागवत गीता को प्रधान डाकघर में काम करने वाले राजेश वर्मा ने 11,500 हजार रुपये में खरीदा है. उनके मुताबिक, श्रीमद्भागवत गीता को डिजिटल फॉर्म में 16 भाषाओं में सुना जा सकता है. इनमें हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, नेपाली, तमिल, उड़िया, कन्नड, पंजाबी, बंग्ला, असमिया और गुजराती भाषाएं शामिल हैं. इसके साथ ही इसमें 108 भजनों का भी संकलन है. जिसे सुनते ही लोग भक्ति भाव में डूब जाते हैं.

पहले पुस्तक को खरीदा था घर के लिए 

दरअसल,  डाक कर्मी राजेश वर्मा ने इस पुस्तक को अपने घर के लिए खरीदा था. लेकिन मौजूदा समय में उन्होंने इस पुस्तक को डाक विभाग के कर्मचारी संघ के कमरे में ही रखा है. लंच के समय में सब कर्मचारी यहां इकट्ठा होते हैं और करीब आधे घंटे तक श्रीमद्भागवत गीता का श्रवण करते हैं. राजेश वर्मा के मुताबिक, गीता के श्लोक को सुनकर उन्हें नई ऊर्जा मिलती है. तनाव दूर होता है और अपने कर्म को करने की प्रेरणा मिलती है.

हिंदू-मुस्लिम सब मिलकर सुनते हैं उपदेश 

ऐसा नहीं है कि सिर्फ डाक विभाग में काम करने वाले हिंदू कर्मचारी ही श्रीमद्भागवत गीता को सुनते हैं. बल्कि यहां पर जो मुस्लिम कर्मचारी हैं वह भी भगवान श्री कृष्ण के बताए गए उपदेशों को सुनकर इसका आध्यात्मिक ज्ञान लेते हैं. मुस्लिम कर्मचारी एम गुलरेज के मुताबिक, श्रीमद्भागवत गीता का डिजिटल वर्जन अपने आप में अनूठा है. इस पुस्तक को अशिक्षित के साथ ही साथ अगर दृष्टिबाधित व्यक्ति है तो वह भी सुन सकता है. उनके मुताबिक अगर इसी तरह से मुस्लिम धर्म की पुस्तक कुरान शरीफ का भी डिजिटल वर्जन तैयार किया जाए तो लोगों तक पैगंबर मोहम्मद साहब के बताए गए संदेश पहुंचाया जा सकता है.

हनुमान चालीसा भी की गई है तैयार 

श्रीमद्भागवत गीता के साथ ही संपूर्ण हनुमान की भी डिजिटल पुस्तक तैयार की गई है. जिसमें हनुमान चालीसा, हनुमान स्त्रोत के साथ ही साथ सुंदरकांड को डिजिटल तरीके से सुना जा सकता है. गौरतलब है कि श्रीमद्भागवत गीता और संपूर्ण हनुमान का डिजिटल वर्जन 2018 में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने लांच किया था. लेकिन यह पुस्तक प्रयागराज में आने के बाद लोगों के बीच खासी चर्चा का विषय बनी हुई है.

तमाम लोग इस पुस्तक को देखने के लिए भी डाकघर में राजेश वर्मा के पास पहुंच रहे हैं. श्रीमद्भागवत गीता के डिजिटल वर्जन से जहां एक बार फिर से लोगों के बीच गीता के संदेशों का प्रचार-प्रसार हो रहा है. वहीं बदलते दौर में किस तरह से अध्यात्मिक ज्ञान को तकनीक से जोड़ा जा सकता है, उसका भी यह एक बेहतरीन उदाहरण देखने को मिल रहा है.

(पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
 
 


 
 

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