वैज्ञानिकों ने बताया कैसे बचा जा सकता है इंटरनेट की लत से, शिक्षकों और अभिभावकों को भी दी सलाह

हाल ही में एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने बताया हैं कि कैसे इंटरनेट के एडिक्शन से बचा जा सकता है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने शिक्षकों और अभिभावकों को भी कुछ सलाह दी है.

Internet Addiction
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST
  • इंटरनेट के ऊपर निर्भर हो चुके हैं युवा
  • शिक्षकों और माता-पिता को भी दी सलाह

इंटरनेट ने हमारी जिंदगी को काफी आसान बना दिया है. भले ही किसी के बारे में 5 मिनट में जानकारी लेनी हो या फिर कहीं जाना हो, इसकी मदद से ये सबकुछ किया जा सकता है जिसके बारे में इंसान ने कभी सोचा भी नहीं था. हालांकि, समय बीता और हम लोग इंटरनेट के आदि हो गए. आज इसका इस्तेमाल किया जा रहा है कि लोग एक हद तक इसके एडिक्ट हो गए हैं. अब मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ साइकोलॉजी एंड एजुकेशन के शोधकर्ताओं ने इस एडिक्शन का संभावित इलाज बताया है. शोध के मुकाबिक, छात्रों का सक्रिय और सचेत रवैया उन्हें ऑनलाइन कंटेंट को अच्छी तरह इस्तेमाल करने में मदद कर सकता है. 

इंटरनेट और युवा

मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ साइकोलॉजी एंड एजुकेशन (MSUPE) के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इंटरनेट के बिना आज की दुनिया में युवाओं के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. एक या दूसरे कंटेंट के उपयोग के पैटर्न और प्राथमिकताएं किशोरों और युवाओं को प्रभावित करती हैं, जिसमें उनकी पसंद का पेशा भी शामिल है. शोधकर्ताओं के अनुसार, सीखने और आत्म-विकास के उद्देश्य से इंटरनेट के रचनात्मक उपयोग में योगदान देने वाले कारकों के बारे में रिसर्च करना बहुत जरूरी है. 

कैसे बचा जा सकता है इसके एडिक्शन से?

अध्ययन से पता चला है कि सीखने की गतिविधियों के लिए छात्रों की एक सक्रिय रुचि और सार्थक, जागरूकता इंटरनेट उपयोग के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव है. इसकी मदद से युवा लोग ऑनलाइन समय बिताने और वेब पर जो हो रहा है उससे भावनात्मक रूप से कम प्रभावित होगें. हालांकि, रिसर्च में ये भी कहा गया है कि आज के समय में माता-पिता और शिक्षक अक्सर सभी बाहरी आवश्यकताओं के अनुरूप छात्रों की प्रवृत्ति का समर्थन करते हैं. लेकिन वे भूल जाते हैं कि यह छात्रों की स्वतंत्रता और सामाजिक जीवन में खुद के लिए सक्रिय खोज में कोई योगदान नहीं देता है. 

शिक्षकों और माता-पिता को भी दी सलाह

शोधकर्ताओं के अनुसार, शिक्षकों और माता-पिता को यह सीखने की जरूरत है कि समस्याओं को हल करने के अपने तरीके खोजने और अपने स्वयं के दृष्टिकोण बनाने में युवाओं का समर्थन कैसे करें. एमएसयूपीई शोधकर्ता सीखने की कठिनाइयों के लिए एक रिफ्लेक्सिव-एक्टिविटी अप्रोच विकसित कर रहे हैं जिसका उद्देश्य शिक्षकों और अभिभावकों को छात्रों को सहायता प्रदान करना है. 
 

 

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