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India’s first private rocket: अंतरिक्ष में दुनिया देखेगी भारत का दम, लॉन्च हो रहा है देश का पहला प्राइवेट रॉकेट

आज से भारत के स्पेस सेक्टर में नए युग की शुरुआत हो रही है. इसके जरिए पूरी दुनिया हिन्दुस्तान की ताकत को देखेगी. भारत के प्राइवेट सेक्टर का बनाया पहला रॉकेट विक्रम एस लॉन्च के लिए तैयार है. यह लॉन्च आज सुबह 11.30 बजे श्रीहरिकोटा से किया जाएगा. इस रॉकेट को हैदराबाद की कंपनी स्काई रूट एयरोस्पेस ने बनाया है.

देश का पहला प्राइवेट रॉकेट देश का पहला प्राइवेट रॉकेट
हाइलाइट्स
  • विक्रम साराभाई के नाम रखा गया रॉकेट का नाम

  • मिशन प्रारंभ के तहत होगा लॉन्च

उल्टी गिनती शुरू हो गई है. सब कुछ तैयार है. अंतरिक्ष में हिन्दुस्तान की ताकत पूरी दुनिया देखेगी इसके लिए मंच तैयार है. भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आज नयी ऊंचाइयों को छुएगा. जब इसरो श्रीहरिकोटा में अपने केंद्र से देश का पहला निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-एस को लॉन्च करेगा. 4 साल पुराने स्टार्ट-अप स्काई रूट एयरोस्पेस के विक्रम-एस रॉकेट को लॉन्च करने के लिए चाक-चौबंद तैयारी कर ली गयी है.

विक्रम साराभाई के नाम रखा गया रॉकेट का नाम
सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस को लॉन्च किया जाएगा. पहले इसे 15 नवंबर को लॉन्च करने की योजना थी. विक्रम-एस सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्चिंग के बाद ये 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा. भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और दिवंगत वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के नाम पर रॉकेट को नाम दिया गया है. रॉकेट के लॉन्चिंग में आम ईंधन के बजाय LNG यानी लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ये ईंधन किफायती होने के साथ साथ प्रदूषण मुक्त भी है.

मिशन प्रारंभ के तहत होगा लॉन्च
मिशन को प्रारंभ नाम दिया गया है. मिशन में दो घरेलू और एक विदेशी ग्राहक के तीन पेलोड को ले जाया जाएगा. चेन्नई के स्टार्टअप स्पेस किड्ज, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब से जुड़े वो तीन पेलोड है.

पहले टेस्ट फ्लाइट करेगा भारत
स्काई रूट का दावा है कि 6 मीटर लंबा रॉकेट दुनिया के पहले कुछ ऐसे रॉकेट में शामिल है. जिसमें घुमाव की स्थिरता के लिए 3-डी प्रिंटेड ठोस प्रक्षेपक हैं. दरअसल ये एलन मस्क की स्पेसएक्स के पहले प्राइवेट रॉकेट के लॉन्च जैसा ही है. लेकिन यह एक तरह की टेस्‍ट फ्लाइट होगी. अगर इसमें सफलता मिलती है तो भारत प्राइवेट स्पेस कंपनी के रॉकेट लॉन्चिंग के मामले में न केवल दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा बल्कि देश की स्पेस इंडस्ट्री में प्राइवेट सेक्टर की एंट्री को नई ऊंचाइयां देगा.