क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष में रह रहे हमारे भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को आसमान में देखकर नमस्ते कहने का मौका मिले? जी हां, यह सपना अब हकीकत बनने जा रहा है! अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS), जो शुभांशु शुक्ला का अस्थायी घर है, अगले कुछ दिनों में भारत के ऊपर से कई बार गुजरेगा. यह चमकता हुआ अंतरिक्ष यान रात के आसमान में एक सितारे की तरह दिखाई देगा, और आप इसे बिना टेलीस्कोप के अपनी नंगी आंखों से देख सकते हैं! NASA का Spot the Station ऐप और ISS Detector ऐप आपकी मदद करेंगे इस खगोलीय चमत्कार को देखने में.
क्या है अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)?
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अंतरिक्ष में दुनिया की सबसे बड़ी साइंटिफिक लेबोरेटरी है, जो 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा करती है. यह हर 90 मिनट में धरती का एक चक्कर पूरा करता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को हर दिन 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखने का मौका मिलता है. अमेरिका, रूस, कनाडा, जापान और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा बनाया गया यह स्टेशन 150 अरब डॉलर की लागत से तैयार हुआ है.
इसमें 23 देशों के अंतरिक्ष यात्री काम कर चुके हैं, और 109 देशों के 4,400 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग यहां किए गए हैं. यह चांद और मंगल के लिए भविष्य की यात्राओं का टेस्टबेड है और पृथ्वी के अध्ययन के लिए एक अनूठा मंच है.
कब और कैसे देखें?
ISS सूर्य की रोशनी को रिफ्लेक्ट करता है, इसलिए यह रात के आसमान में एक चमकते सितारे की तरह दिखता है. इसे देखने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय या सूर्यास्त के कुछ घंटे पहले या बाद में होता है, जब आसमान अंधेरा हो, लेकिन ISS सूरज की रोशनी में चमक रहा हो.
यह 5-7 मिनट तक आसमान में दिखाई देता है, और बिना टेलीस्कोप के इसे देखा जा सकता है. यह किसी हवाई जहाज की तरह तेजी से चलता है, लेकिन इसमें न तो रोशनी टिमटिमाती है और न ही दिशा बदलती है.
कैसे देखें?
NASA का Spot the Station ऐप और ISS Detector ऐप इसे देखने का सबसे आसान तरीका है. ये ऐप्स निम्नलिखित जानकारी देते हैं:
-समय: आपके स्थानीय समयानुसार ISS कब दिखेगा.
-अवधि: यह कितने समय तक दिखाई देगा.
-ऊंचाई: यह कितना ऊपर (क्षितिज से 0° से 90° तक) दिखेगा.
-दिशा: यह आसमान में कहां से आएगा और कहां गायब होगा.
ये ऐप्स iOS और Android पर मुफ्त उपलब्ध हैं और हिंदी सहित कई भाषाओं में काम करते हैं. Augmented Reality (AR) फीचर के साथ आप अपने फोन की स्क्रीन पर ISS की सटीक लोकेशन देख सकते हैं. पुश नोटिफिकेशन की मदद से आपको पहले से अलर्ट मिल जाएगा, ताकि आप इसे मिस न करें.
ISS देखने के लिए टिप्स
1. सही समय चुनें: ऐप्स से ट्वाइलाइट समय (सूर्योदय/सूर्यास्त के आसपास) की जानकारी लें.
2. खुला मैदान: ऊंची इमारतों या पेड़ों से दूर खुले स्थान पर जाएं.
3. ध्यान से देखें: ISS बहुत तेज चलता है, इसलिए समय पर तैयार रहें.
4. AR मोड: फोन के AR फीचर से ISS को आसानी से ट्रैक करें.
5. हाथ हिलाएं: शुभांशु शुक्ला को नमस्ते कहने के लिए हाथ हिलाएं, शायद वे कपोला खिड़की से भारत को देख रहे हों!
अगर बादल छाए हों, तो निराश न हों. 24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक ISS फिर से भारत के ऊपर से गुजरेगा. तब तक शुभांशु शायद धरती पर लौट चुके होंगे, लेकिन आप ISS को देख सकते हैं.