NASA का एक और बड़ा मिशन, 2027 तक न्यूक्लियर पावर्ड स्पेसक्राफ्ट को टेस्ट करेगा अमेरिका, जिससे मंगल ग्रह की यात्रा में लगेगा कम समय

Nuclear Thermal Propulsion इंजन विकसित करने के लिए नासा अमेरिकी सेना की अनुसंधान और विकास एजेंसी, DARPA के साथ साझेदारी करेगी.

NASA
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 25 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:46 AM IST
  • बनेगा न्यूक्लियर पावर्ड स्पेसक्राफ्ट
  • 2027 तक अमेरिका करेगा टेस्ट

अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि भविष्य में मंगल पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ने 2027 तक परमाणु विखंडन (Nuclear Fission) से संचालित एक अंतरिक्ष यान इंजन (Spacecraft engion) का परीक्षण करने की योजना बनाई है. 

नासा एडमिनिस्ट्रेटर, बिल नेल्सन ने नेशनल हार्बर, मैरीलैंड में एक सम्मेलन के दौरान कहा कि नासा एक परमाणु तापीय प्रणोदन इंजन विकसित करने और इसे "2027 तक जल्द से जल्द" अंतरिक्ष में लॉन्च करने के लिए अमेरिकी सेना की अनुसंधान और विकास एजेंसी, DARPA के साथ साझेदारी करेगा. 

न्यूक्लियर थर्मल प्रोपल्शन है जरूरी
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, नासा ने दशकों तक परमाणु तापीय प्रणोदन (न्यूक्लियर थर्मल प्रोपल्शन) के कॉन्सेप्ट को स्टडी किया है. इसमें न्यूक्लियर फिशन रिएक्टर से हाइड्रोजन प्रोपल्शन तक निकलने वाली गर्मी से मिलने वाला थर्स्ट रासायनिक-आधारित रॉकेट इंजनों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है. 

नासा ऑफिशियल्स का कहना है कि न्यूक्लियर थर्मल प्रोपल्शन को मनुष्यों को चंद्रमा से परे और अंतरिक्ष में गहराई तक भेजने के लिए बहुत जरूरी है. इंजीनियर्स का कहना है कि पारंपरिक, रासायनिक रूप से संचालित इंजन के साथ तकनीक का उपयोग करके मंगल ग्रह की यात्रा में नौ महीने के बजाय लगभग चार महीने लग सकते हैं. 

इससे अंतरिक्ष यात्रियों को डीप-स्पेस रेडिएशन के संपर्क में आने का समय काफी हद तक कम हो जाएगा और मंगल की यात्रा के दौरान भोजन और अन्य कार्गो जैसी कम आपूर्ति की भी आवश्यकता होगी. 

 

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