आजकल नेल पॉलिश के कई नए-नए वेरिएंट बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग में है जेल नेल पॉलिश (Gel Nail Polish). यह नाखूनों पर गजब की चमक और खूबसूरती लाती है, जिससे नाखून बेहद स्टाइलिश नजर आते हैं. इसकी खासियत यह है कि एक बार लगाने के बाद यह कई हफ्तों तक खराब नहीं होती.
चमकदार लेकिन खतरनाक?
हेल्थ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसका ज्यादा इस्तेमाल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इससे न केवल नाखून कमजोर होते हैं, बल्कि एलर्जी, त्वचा संबंधी दिक्कतें और यहां तक कि कैंसर का रिस्क भी बढ़ सकता है.
जेल नेल पॉलिश में छिपे केमिकल्स
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जेल नेल पॉलिश को सुखाने के लिए यूवी (UV) लाइट का इस्तेमाल किया जाता है. इस पॉलिश के फॉर्मूलेशन में कई केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जिनमें से एक है ट्राइमिथाइलबेंजोल डाइफिनाइलफॉस्फिन ऑक्साइड (TPO). यह पॉलिश को तेजी से कठोर करने का काम करता है.
यूरोपीय यूनियन (EU) ने ट्राइमिथाइलबेंजोल डाइफिनाइलफॉस्फिन ऑक्साइड को कई बीमारियों और कैंसर के खतरे के कारण प्रतिबंधित कर दिया है. इसके अलावा इसमें फॉर्मेल्डिहाइड, टोल्यून और फ्थैलेट्स जैसे तत्व भी हो सकते हैं, जिन्हें संभावित रूप से कैंसरजनक माना गया है.
एलर्जी और स्किन प्रॉब्लम्स
हाल के वर्षों में जेल और एक्रीलिक नेल सिस्टम्स के कारण एलर्जी की शिकायतें बढ़ी हैं. नाखूनों के आसपास खुजली, लालिमा और सूजन. कई बार नाखून का नेल बेड से अलग हो जाना. यह परेशानी खासकर तब बढ़ जाती है जब पॉलिश ठीक से क्योर न हुई हो या DIY किट का गलत इस्तेमाल हुआ हो.
रिसर्च क्या कहती है?
अब तक किसी भी स्टडी ने यह साबित नहीं किया कि जेल नेल पॉलिश सीधे कैंसर का कारण बनती है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबे समय तक इन केमिकल्स और यूवी लाइट के संपर्क में रहना ऑक्सीडेटिव तनाव और सेल डैमेज बढ़ा सकता है. प्रेग्नेंट महिलाएं, फर्टिलिटी समस्याओं से जूझ रहे लोग और सेंसिटिव स्किन वाले व्यक्तियों के लिए यह और भी ज्यादा रिस्की हो सकता है.